प्रश्न– संगीत को परिभाषित करें एवं इसके महत्त्व का वर्णन करें ?
उत्तर- संगीत मानव जीवन की सबसे प्राचीन, मधुर और प्रभावशाली कलाओं में से एक है। सरल शब्दों में संगीत वह कला है जिसमें स्वर, लय और ताल का सुंदर समन्वय होता है। जब कोई ध्वनि निश्चित ऊँच–नीच, संतुलित समय और क्रमबद्ध ताल के साथ प्रस्तुत की जाती है, तो वह संगीत बन जाती है। संगीत केवल ध्वनि का मेल नहीं है बल्कि मनुष्य की भावनाओं, अनुभूतियों और आंतरिक संवेदनाओं की अभिव्यक्ति है। यह मन, मस्तिष्क और आत्मा तक को प्रभावित करने की शक्ति रखता है।
भारतीय संगीत में तीन मुख्य अंग माने जाते हैं—स्वर, लय और ताल। स्वर संगीत की आत्मा है, जो मधुरता देता है। लय गति प्रदान करती है और ताल संगीत की संरचना को व्यवस्थित करती है। इन तीनों का संतुलित मिलन ही सुरीला संगीत जन्म देता है। भारतीय संगीत दो प्रमुख रूपों—हिंदुस्तानी (उत्तर भारतीय) और कर्नाटक (दक्षिण भारतीय) मे विभाजित है। दोनों की अपनी-अपनी शैली, राग और परंपराएँ हैं, जो भारतीय सांस्कृतिक विरासत को अत्यन्त समृद्ध बनाती हैं।
संगीत का महत्व
संगीत का महत्व अत्यंत व्यापक है और यह मनुष्य के जीवन को कई स्तरों पर प्रभावित करता है।
1. मानसिक और भावनात्मक महत्व- संगीत मन को शांति प्रदान करता है। तनाव, चिंता और बेचैनी को दूर करने में संगीत अत्यंत सहायक है। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि मधुर संगीत सुनने से मस्तिष्क में डोपामाइन नामक रसायन बढ़ता है, जिससे खुशी और मानसिक संतुलन मिलता है। संगीत मन को सकारात्मकता देता है और भावनाओं को सही दिशा में व्यक्त करने में मदद करता है।
2. भावनाओं की अभिव्यक्ति- प्रेम, खुशी, दुख, देशभक्ति, भक्ति—हर भावना को संगीत के माध्यम से सहजता से व्यक्त किया जा सकता है। यही कारण है कि भजन, ग़ज़ल, लोकगीत, खयाल, और फिल्मी गीत सभी में भावनाओं का अद्भुत मेल मिलता है। संगीत बिना शब्दों के भी भाव व्यक्त कर देता है, इसलिए कहा जाता है—संगीत आत्मा की भाषा है।
3. सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व- संगीत समाज में एकता और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करता है। भारत में प्रत्येक क्षेत्र का अपना विशेष लोकसंगीत है, जो वहाँ की परंपराओं, इतिहास और संस्कृति को दर्शाता है। त्योहारों, विवाह, धार्मिक समारोहों और सामाजिक कार्यक्रमों में संगीत की उपस्थिति अनिवार्य होती है। यह लोगों को जोड़ता है और सामूहिक आनंद प्रदान करता है।
4. स्वास्थ्य लाभ- संगीत का उपयोग आज म्यूज़िक थेरेपी के रूप में किया जा रहा है। यह हृदयगति को नियंत्रित करने, उच्च रक्तचाप कम करने, स्मरणशक्ति बढ़ाने और नींद सुधारने में सहायक है। कई चिकित्सक मानसिक रोगों और अवसाद के उपचार में संगीत का उपयोग कर रहे हैं।
5. प्रेरणा और रचनात्मकता- संगीत व्यक्ति में रचनात्मकता बढ़ाता है और कार्य करने की ऊर्जा प्रदान करता है। पढ़ाई, व्यायाम और ध्यान के दौरान संगीत उपयोगी साबित होता है।
निष्कर्ष – अंतत: संगीत केवल मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि जीवन की आवश्यकता है। यह मनुष्य को शांति, आनंद, प्रेरणा और भावनात्मक संतुलन प्रदान करता है। इसलिए संगीत को मानव जीवन की सबसे सुंदर और अनमोल कला माना जाता है।
प्रश्न उत्तर समाप्त
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