मिस्र सभ्यता के कला एवं स्थापत्य कला का वर्णन करें

उत्तर : मिस्र की सभ्यता विश्व की सबसे प्राचीन और विकसित सभ्यताओं में से एक मानी जाती है । यह सभ्यता नील नदी के किनारे विकसित हुई थी। इसकी कला और स्थापत्य बहुत ही विकसित, भव्य और धार्मिक भावना से प्रेरित रही है।

मिस्र सभ्यता की कला धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित थी। वहाँ की कला में देवताओं, फिरऔनों (राजाओं), मृत्यु के बाद के जीवन और प्रकृति को विशेष महत्व दिया गया।

  1. मूर्ति कला (Sculpture Art ) : मिस्र सभ्यता में मूर्तिकला के क्षेत्र में आश्चर्यजनक उन्नति हुई थी । मिस्र के लोगों द्वारा निर्मित फराओं की 60 फुट से अधिक ऊँची पत्थर की मूर्तियों को देखकर वर्तमान समय के लोग स्तब्ध रह जाते हैं । एक ही पत्थर को काट कर इन मूर्तियों को बनाया गया है । गीज़ा के पिरामिड के निकट स्थित स्फिंक्स की मूर्ति विश्व प्रसिद्ध है । यह 160 फुट लम्बी एवं 70 फुट चौड़ी होने के कारण मीलों दूर से दिखाई देती है । इस मूर्ति का शरीर तो सिंह का है, लेकिन मुख खेको नामक फराओ शासक का है ।
  2. चित्रकला (Drawing) : मिस्र के मन्दिरों, पिरामिडों एवं भवनों की दीवारों पर बनाये गये पशु, पक्षी, मनुष्य एवं प्रकृति सौन्दर्य के चित्र अपनी कलात्मकता एवं सजीवता हेतु प्रसिद्ध हैं । इन चित्रों से प्राचीन मिस्र के लोगों के सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक जीवन के विषय में जानकारी प्राप्त होती है ।
  3. ममी बनाने की कला (Art of Mummification) मिस्र के लोग ममी बनाने अथवा मृतक शरीरों को सुरक्षित रखने की कला में दक्ष थे । प्राचीन मिस्र के राजाओं या अन्य महान व्यक्तियों के शवों को कई प्रकार के तेल मसाले व अन्य पदार्थों की सहायता से सुरक्षित रखा जाता था । मिस्र के लोग ममियों को सन्दूक में बन्द कर देते थे एवं उस ममी अथवा सम्राट से सम्बन्धित पूरी जानकारी उस पर लिख देते थे । सन् 1892 ई. में प्राप्त पहली ममी आज भी लन्दन के संग्रहालय में सुरक्षित रखी हुई है ।
  4. लेखन कला ( Art of Writing) – कुछ इतिहासकारों का मत है कि लिखने की कला का आरम्भ सर्वप्रथम मिस्र में ही हुआ था । मिस्र के निवासियों ने लगभग 300 ईसा पूर्व तक लिखने की कला में दक्षता प्राप्त कर ली थी । प्रारम्भ में उन्होंने चित्रलिपि का सहारा लिया तथा लेखन हेतु चित्रों का प्रयोग किया । लगभग दो हजार से अधिक चित्र मिस्र के स्मारकों पर अंकित मिलते हैं। कालान्तर में मिस्र के लोगों ने 24 वर्णों की वर्णमाला का आविष्कार किया। संभवतः मिस्र के लोगों ने ही सर्वप्रथम मूर्ति पर लिखना प्रारम्भ किया था ।




मिस्र सभ्यता की वास्तुकला दुनिया की सबसे पुरानी और प्रभावशाली स्थापत्य शैलियों में से एक है । यह मुख्य रूप से विशाल पिरामिड, मंदिरों, समाधियों और महलों के लिए प्रसिद्ध है ।

  1. भव्यता और विशालता – मिस्र के भवन और स्मारक बहुत ही विशाल एवं भव्य होते थे ।
  2. धार्मिकता का प्रभाव – अधिकांश निर्माण कार्य धार्मिक आस्था और पुनर्जन्म के विश्वास से प्रेरित थे ।
  3. सजावटी चित्र और चित्रलिपि – दीवारों पर चित्रलिपि (हाइरोग्लिफ़िक्स) और चित्रकला उकेरी जाती थी ।
  4. मजबूत निर्माण सामग्री – पत्थर (विशेष रूप से चूना पत्थर, ग्रेनाइट और बलुआ पत्थर) का उपयोग किया जाता था ।
  5. समरूपता और गणितीय संतुलन – निर्माण कार्यों में अत्यंत सटीक गणना और ज्यामिति का प्रयोग किया जाता था ।




मिस्र के पिरामिड दुनिया के सबसे प्रसिद्ध और आश्चर्यजनक वास्तुशिल्प चमत्कारों में से एक हैं । ये फ़राओ (राजाओं) के मकबरों के रूप में बनाए गए थे । प्रमुख पिरामिड निम्नलिखित है –

  • गिज़ा के पिरामिड  – मिस्र के सबसे प्रसिद्ध पिरामिड ।
    • खुफू का महान पिरामिड – दुनिया का सबसे बड़ा और प्राचीन सात आश्चर्यों में से एक ।
    • खाफ्रे का पिरामिड – इसमें ग्रेट स्फिंक्स भी स्थित है ।
    • मेनकौर का पिरामिड – गिज़ा के तीन पिरामिडों में सबसे छोटा ।
  • सक्कारा का स्टेप पिरामिड – जोसेर (Djoser) का मकबरा, सबसे पुराना पिरामिड । मिस्र का पहला पिरामिड, जिसे वास्तुकार इम्होटेप ने डिजाइन किया था।
  •  मंदिर : मिस्र के मंदिर देवताओं और फिरौन की पूजा के केंद्र थे ।




कर्नाक मंदिर प्राचीन मिस्र का सबसे विशाल और भव्य धार्मिक स्थल है, जो वर्तमान मिस्र के लक्सर शहर में स्थित है । यह मंदिर अमुन-रा, उनकी पत्नी मूत और पुत्र खोंसू को समर्पित है । इस मंदिर का निर्माण मध्य साम्राज्य (2055 ईसा पूर्व) में प्रारंभ हुआ और इसे विभिन्न फ़राओ ने लगभग 2000 वर्षों तक विस्तारित किया ।

कर्नाक मंदिर का सबसे प्रमुख आकर्षण हाइपोस्टाइल हॉल है, जिसमें 134 विशाल स्तंभ हैं, जो 80 फीट ऊँचे हैं और इन पर खूबसूरत हाइरोग्लिफ़िक्स उकेरे गए हैं । इसके अतिरिक्त, मंदिर में विशाल प्रवेश द्वार (पाइलॉन), पवित्र सरोवर, ओबिलिस्क और भव्य स्तंभों की श्रृंखलाएँ हैं ।




लक्सर मंदिर मिस्र के सबसे प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है । यह नील नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित है | यह मंदिर मुख्य रूप से अमुन-रा (Amun-Ra) देवता को समर्पित है और इसकी भव्यता मिस्र की अद्भुत स्थापत्य कला को दर्शाती है ।

  • मकबरे (Tombs)
  • राजाओं की घाटी (Valley of the Kings) – यहाँ कई फिरौनों के शानदार मकबरे स्थित हैं ।
  • तूतनखामुन का मकबरा – इसमें राजा तूतनखामुन की ममी और बहुमूल्य खजाना मिला था ।
  • मकबरों की दीवारों पर चित्रलिपि और चित्र बनाए जाते थे, जो मृत्यु के बाद के जीवन की कहानियाँ दर्शाते थे ।
  1. यह एक विशाल मूर्ति है, जिसमें मानव का चेहरा और शेर का शरीर है।
  2. यह संरचना पिरामिडों की सुरक्षा के लिए बनाई गई थी ।

निष्कर्ष : मिस्र की कला और स्थापत्य उसकी धार्मिक आस्था, राजशक्ति और जीवन के बाद के विश्वासों को दर्शाते हैं। मिस्र की ये रचनाएँ आज भी विश्व को उसकी प्राचीन उन्नत सभ्यता की गवाही देती हैं। उनका स्थापत्य और कला आज भी वास्तुकारों और इतिहासकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।





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