प्रश्न : प्राचीन शिक्षा की गुरुकुल व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओ का वर्णन कीजिए |
प्राचीन भारत में शिक्षा का सबसे प्रमुख माध्यम गुरुकुल शिक्षा प्रणाली थी। गुरुकुल” का अर्थ है – गुरु का घर या आश्रम, जहाँ विद्यार्थी रहकर गुरु से शिक्षा ग्रहण करते थे। यह प्रणाली केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं थी, बल्कि जीवन जीने की कला, नैतिकता और संस्कारों को विकसित करने वाली सम्पूर्ण शिक्षा पद्धति थी। गुरुकुल प्रायः जंगल, नदी या पहाड़ के किनारे प्राकृतिक वातावरण में स्थित होते थे, ताकि विद्यार्थियों को शांति, एकाग्रता और आत्मसंयम का अभ्यास मिल सके।
गुरुकुल शिक्षा प्रणाली की प्रमुख विशेषताएँ :
- गुरु-शिष्य संबंध: यह इस प्रणाली का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। शिष्य अपने गुरु के घर या आश्रम में रहकर शिक्षा प्राप्त करते थे। गुरु और शिष्य का संबंध पिता-पुत्र जैसा होता था, जिसमें गुरु शिष्य को केवल शिक्षा ही नहीं देते थे, बल्कि उसके चरित्र निर्माण में भी मदद करते थे।
- निवास-आधारित शिक्षा: शिष्य शिक्षा पूरी होने तक गुरुकुल में ही रहते थे। इससे वे अपने परिवार से दूर रहकर आत्मनिर्भर बनना सीखते थे और गुरु के मार्गदर्शन में एक अनुशासित जीवन जीते थे।
- सर्वांगीण विकास: गुरुकुल में केवल वेद, उपनिषद, और व्याकरण जैसे विषयों की पढ़ाई नहीं होती थी, बल्कि छात्रों को अस्त्र-शस्त्र चलाना, कला, संगीत, और योग का भी प्रशिक्षण दिया जाता था। इसका उद्देश्य एक ऐसे व्यक्ति का निर्माण करना था जो समाज के लिए हर तरह से उपयोगी हो।
- नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा: गुरुकुल में छात्रों को सत्य, अहिंसा, त्याग, और सेवा जैसे मूल्यों का पाठ पढ़ाया जाता था। इसके अलावा, ध्यान, योग और धार्मिक अनुष्ठान भी शिक्षा का एक अभिन्न अंग थे, जिससे छात्रों का मानसिक और आध्यात्मिक विकास होता था।
- भिक्षा और श्रमदान: गुरुकुल में छात्रों को अपना और अपने गुरु का भरण-पोषण करने के लिए भिक्षा माँगनी पड़ती थी। इसके अलावा, उन्हें गुरुकुल के रोजमर्रा के कामों में भी हाथ बँटाना पड़ता था, जैसे कि लकड़ी काटना, खेती करना, और सफाई करना। यह उन्हें विनम्रता और श्रम के महत्व को सिखाता था।
- कोई शुल्क नहीं: गुरुकुल में शिक्षा के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता था। शिक्षा पूरी होने पर शिष्य अपने सामर्थ्य के अनुसार गुरु को गुरुदक्षिणा देते थे, जो कोई भी वस्तु हो सकती थी, जैसे कि गाय, अनाज, या कोई सेवा।
आधुनिक शिक्षा प्रणाली से तुलना :
आधुनिक शिक्षा प्रणाली में जहाँ परीक्षा, अंक, और डिग्री पर ज़्यादा जोर दिया जाता है, वहीं गुरुकुल शिक्षा प्रणाली में चरित्र निर्माण और समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाता था। गुरुकुल में विद्यार्थी केवल किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि जीवन जीने का तरीका सीखते थे।
संक्षेप में, गुरुकुल शिक्षा प्रणाली एक ऐसी पद्धति थी जो व्यक्ति के अंदर के ज्ञान, कौशल, और नैतिक मूल्यों को निखारने का काम करती थी, जिससे वे समाज के लिए एक आदर्श और जिम्मेदार नागरिक बन सकें।