कानून के उद्देश्यों (कार्यो) का वर्णन कीजिए। कानून का पालन क्यों किया जाता है ? 

कानून के उद्देश्य अथवा कार्य 

कानून का उद्देश्य समाज में व्यक्ति का पूर्ण विकास करना है। इसके उद्देश्यों को निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है- 

1. राज्य में शान्ति और व्यवस्था स्थापित करना : कानून का सर्वप्रथम और महत्त्वपूर्ण उद्देश्य राज्य में शान्ति और व्यवस्था की स्थापना है। कानून के अभाव में समाज में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि कानून का अभाव ही अशान्ति को जन्म देता है तथा सुदृढ़ कानून देश में शान्ति और व्यवस्था की स्थापना करता है । 

2. नागरिकों को समान अवसर प्रदान करना : कानून समानता के सिद्धान्त पर आधारित होता है। अतः बिना किसी भेदभाव के सभी नागरिकों को विकास के समान अवसर प्रदान करना इसका प्रमुख उद्देश्य होता है। 

3. मानव अधिकारों की रक्षा करना : कानून का एक अन्य उद्देश्य मानव अधिकारों की रक्षा करना है। व्यक्ति अपने विकास के लिए समाज से कुछ अधिकारों की माँग करता है। समाज उसे अधिकार प्रदान करता है। लेकिन व्यक्ति स्वयं अपने अधिकारों की रक्षा करने में समर्थ नहीं है। समाज के कुछ स्वार्थी तत्व दूसरों के अधिकारों का अतिक्रमण करने तथा अपने स्वार्थ की सिद्धि करने का प्रयास करते हैं किन्तु कानून व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा करता है और उनको अक्षुण्ण बनाये रखता है। 

4. स्वतन्त्रता की रक्षा करना : कानून का उद्देश्य स्वतन्त्रता की रक्षा करना है। रोमन विद्वान सिसरो ने कहा है कि “हम स्वन्तत्र होने के लिए कानून के गुलाम बनते हैं व्यक्ति जितना अधिक स्वतन्त्र होना चाहता है, उसके लिए उतना ही अधिक नियन्त्रण में रहना आवश्यक है। यदि व्यक्ति को स्वच्छन्द छोड़ दिया जाय और उसके ऊपर कोई नियन्त्रण न हो तो “जिसकी लाठी उसकी भैंस” वाली लोकोक्ति चरितार्थ हो जायेगी। अतः स्वतन्त्रता के लिए कानून आवश्यक है। कानून सामाजिक जीवन की सफलता की कुंजी है। 

5. मानव आवश्यकताओं की पूर्ति : मनुष्यों की शारीरिक, मानसिक और नैतिक उन्नति के लिए आवश्यकताओं की पूर्ति आवश्यक है। जिस समाज में अधिकांश व्यक्तियों की आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होगी, उस समाज के व्यक्तियों के व्यक्तित्व का विकास स्वप्नमात्र है। कानून का उद्देश्य ऐसी व्यवस्था करना होता है जिसमें नागरिकों की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके। 

6. व्यक्ति की रक्षा तथा विकास : कानून का एक उद्देश्य यह भी है कि वह मनुष्य के व्यक्तिगत तथा सामाजिक जीवन की उन्नति के लिए कार्य करें। कानून व्यक्ति के जीवन, सम्पत्ति और स्वतन्त्रता की रक्षा करते हैं तथा उसके विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करते हैं। कानून कुप्रवृत्तियों पर प्रतिबन्ध लगाकर व्यक्ति को सन्मार्ग की ओर ले जाते हैं तथा उसकी भिन्न-भिन्न शक्तियों के विकास में सहायक होते हैं। 

कानूनों के पालन का आधार या 

कानूनों का पालन क्यों किया जाता है ? 

व्यक्ति कानूनों का पालन मुख्यतया निम्नांकित कारणों से करता है- 

1. डर : कानून वे आदेश हैं जिनकी अवज्ञा करने वाले लोगों को दण्डित किये जाने की व्यवस्था होती है। अतः काफी संख्या में लोग दण्डित होने के डर की वजह से ही कानूनों का पालन करते हैं। 

2. स्वभाव : मनुष्य बचपन से ही परिवार में रहकर आज्ञा पालन करने का पाठ पढ़ता है, जो धीरे-धीरे उसकी आदत बन जाती है। अतः कहा जा सकता है कि मनुष्य स्वभाव के कारण कानूनों का पालन करता हैं। 

3. तर्क एवं उपयोगिता : कानूनों को तर्क एवं उपयोगिता के आधार पर भी पालित किया जाता है। लोगों का मानना है कि कानून पालन में ही समाज तथा उनका हित है और इनकी अवज्ञा से ही अशान्ति एवं दुःख के भागीदार बनेंगे। 

4. आलस्य : समाज के कुछ लोग आलसी होते हैं तथा वे अपने दिमाग पर किसी भी प्रकार का बल देना नहीं चाहते। अतः जो कुछ भी कानून बनते हैं वे उनका पालन करते हैं। 

5. सहानुभूति : चूँकि कानून निर्मित करने वाले लोग बुसिद्धमान एवं सभी के शुभचिन्तक होते हैं। अतः सामान्य लोगों में इनके प्रति सहानुभूति का भाव होता है। कानून बनाने वालों के प्रति इस सहानुभूति के भाव के कारण ही वे कानूनों का पालन करते हैं। 

6. अधिकार की रक्षा : कुछ लोग कानूनों का पालन इस कारण करते हैं कि इससे उनके अधिकारों की रक्षा होती है। चूँकि कानून अपराधों पर अंकुश लगाकर व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा करते हैं इसलिए जो लोग कानूनों से पूर्णतः सन्तुष्ट नहीं होते थे वे भी उनका पालन करते हैं। उपर्युक्त से स्पष्ट है कि कानून पालन किसी एक कारण का परिणाम न होकर समस्त कारणों का सामूहिक फल हैं। 


About The Author

Spread the love

Leave a Comment

error: Content is protected !!