पुष्यमित्र शुंग के जीवन चरित्र तथा उपलब्धियों का वर्णन करें। PDF DOWNLOAD

पुष्यमित्र शुंग के जीवन चरित्र तथा उपलब्धियों का वर्णन करें।

प्रश्न- पुष्यमित्र शुंग के जीवन चरित्र तथा उपलब्धियों का वर्णन करें। शुंग कौन थे – मौर्य साम्राज्य की कब्र पर शीघ्र ही शुंग वंश की स्थापना हो गई। मौर्य साम्राज्य का अंतिम सम्राट बृहद्रथ था। वह अपनी विलासिता के लिए प्रसिद्ध था और अकर्मण्यता उसकी चारित्रिक विशेषता थी। उसके इन दुर्गणों से लाभ उठा कर … Read more

कुषाण कौन थे ? प्राचीन भारतीय इतिहास में कुषाण शासकों के महत्व का मूल्यांकन कीजिए। PDF DOWNLOAD

कुषाण कौन थे ? प्राचीन भारतीय इतिहास में कुषाण शासकों के महत्व का मूल्यांकन कीजिए।

प्रश्न- कुषाण कौन थे ? प्राचीन भारतीय इतिहास में कुषाण शासकों के महत्व का मूल्यांकन कीजिए। चीनी इंतिहासकारों के अनुसार कुषाण लोग यू-ची जाति की शाखा के थे। यू- ची लोग उत्तर-पश्चिमी चीन के कानसू नामक प्रान्त में रहते थे। 175-165 ई. पूर्व के लगभग हियुंग-नू (हूण) नामक जाति ने यू-ची जाति को पराजित करके … Read more

शकों की उत्पत्ति, उत्थान एवं उनके योगदान का वर्णन कीजिए।

शकों की उत्पत्ति, उत्थान एवं उनके योगदान का वर्णन कीजिए।

प्रश्न- शकों की उत्पत्ति, उत्थान एवं उनके योगदान का वर्णन कीजिए। शक (Sakas) : शक लोग घुमक्कड़ जाति के लोग थे जो मध्य एशिया में निवास करते थे। ई० पू० द्वितीय शताब्दी के उत्तरार्द्ध में चीन की एक शक्तिशाली जाति यू- ची द्वारा वहाँ से भगा दिये गये। वहाँ से इन लोगों ने यवनों और … Read more

भारतीय यवन कौन थे ? उनका संक्षिप्त इतिहास बताइए तथा भारत पर उनके प्रभाव का वर्णन कीजिए ।

भारतीय यवन कौन थे ? उनका संक्षिप्त इतिहास बताइए तथा भारत पर उनके प्रभाव का वर्णन कीजिए ।

प्रश्न- भारतीय यवन कौन थे ? उनका संक्षिप्त इतिहास बताइए तथा भारत पर उनके प्रभाव का वर्णन कीजिए । भारतीय यवन (Indo-Greeks ) : सिकन्दर ने यूनान लौटते समय अपना सम्पूर्ण साम्राज्य अपने सेनापतियों में विभाजित कर दिया था। इन्होंने विभिन्न भागों में अपने साम्राज्य स्थापित किये। इन्हीं में से बैक्ट्रिया के यूनानी इण्डो-ग्रीक या … Read more

मौर्य साम्राज्य के पतन के कारणों की आलोचनात्मक विवेचना करें।

मौर्य साम्राज्य के पतन के कारणों की आलोचनात्मक विवेचना करें।

प्रश्न- मौर्य साम्राज्य के पतन के कारणों की आलोचनात्मक विवेचना करें। अशोक के शासनकाल में मौर्य साम्राज्य अपने उच्चतम शिखर पर था। सुदूर दक्षिण के राज्यों को छोड़कर सम्पूर्ण भारत और अफगानिस्तान तक यह साम्राज्य फैला हुआ था। 232 ई. पूर्व में अशोक की मृत्यु हुई और 50 वर्षों में ही मौर्य साम्राज्य समाप्त हो … Read more

मौर्यकालीन सामाजिक दशा का वर्णन कीजिए ।

मौर्यकालीन सामाजिक दशा का वर्णन कीजिए ।

प्रश्न- मौर्यकालीन सामाजिक दशा का वर्णन कीजिए । मौर्य काल में समाज ( Society in Mauryan ) : मौर्यों ने 324 ई०पू० से लेकर 185 ई०पू० तक शासन किया। इस काल के सामाजिक और आर्थिक दशा के विषय में कौटिल्य के अर्थशास्त्र, मैगस्थनीज के विवरण बौद्ध साहित्य, जैन साहित्य और पुराणों आदि से महत्त्वपूर्ण जानकारी … Read more

अशोक के ‘धम्म’ से आप क्या समझते हैं? इसके प्रचार के लिए उसने कौन से उपाय किये ? 

अशोक के 'धम्म' से आप क्या समझते हैं? इसके प्रचार के लिए उसने कौन से उपाय किये ? 

प्रश्न- अशोक के ‘धम्म’ से आप क्या समझते हैं? इसके प्रचार के लिए उसने कौन से उपाय किये ?  अशोक भारतीय इतिहास में न सिर्फ विजेता एवं कुशल प्रशासक के रूप में विख्यात है, बल्कि वह स्वयं अपने जनसाधारण के आध्यात्मिक कल्याण के लिए प्रयत्नशील था। कलिंग युद्ध के पश्चात उसने मानव कल्याण की तरफ … Read more

कलिंग युद्ध सम्राट अशोक के जीवन एवं भारत के इतिहास की एक युगांतकारी घटना थी, स्पष्ट करें। 

कलिंग युद्ध सम्राट अशोक के जीवन एवं भारत के इतिहास की एक युगांतकारी घटना थी, स्पष्ट करें। 

प्रश्न- कलिंग युद्ध सम्राट अशोक के जीवन एवं भारत के इतिहास की एक युगांतकारी घटना थी, स्पष्ट करें।  अशोक विश्व के महान सम्राटों में से एक था। शासन की व्यवस्था, साम्राज्य के विस्तार, ह्रदय की उदारता, शिल्पकला के संवर्द्धन, प्रजावत्सलता और धर्म की संरक्षता इत्यादि के दृष्टिकोण से मानव जाति के इतिहास में यह सम्राट अद्वितीय … Read more

चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रशासन की विशेषताओं का वर्णन करें। 

चन्द्रगुप्त मार्य के प्रशासन की विशेषताओं का वर्णन करें। 

प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रशासन की विशेषताओं का वर्णन करें।   मेगस्थनीज सीरिया के सम्राट सेल्यूकस नाइकेटर का राजदूत था जिसक सन्धि के फलस्वरूप पाटलिपुत्र में निवास करने के लिए नियुक्त किया गया था। उसने ‘इण्डिका’ नामक पुस्तक लिखी है। वह भारत में काफी समय तक रहा और उसने तत्कालीम भारत की शासन-व्यवस्था एवं भारतीयों के … Read more

एक योद्धा और साम्राज्य निर्माता के रूप में चन्द्रगुप्त मौर्य का मूल्यांकन करें।

एक योद्धा और साम्राज्य निर्माता के रूप में चन्द्रगुप्त मौर्य का मूल्यांकन करें।

प्रश्न- एक योद्धा और साम्राज्य निर्माता के रूप में चन्द्रगुप्त मौर्य का मूल्यांकन करें। ईसा पूर्व चौथी शताब्दी में मगध साम्राज्य की बागडोर नंदवंश के हाथों में चली गयी । नन्दवंश के अन्तिम शासक धननन्द के समय भारत की पश्चिमोत्तर सीमा पर सिकन्दर का आक्रमण हुआ और सिकन्दर की विजय के परिणामस्वरूप उत्तर-पश्चिमी सीमा प्रान्त … Read more

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