प्रश्न : भारतवर्ष से आप क्या समझते हैं ? अथवा भारतवर्ष की अवधारणा की व्याख्या कीजिए |
उत्तर : भारतवर्ष की अवधारणा भारतीय इतिहास, संस्कृति और भूगोल में गहराई से निहित है। यह शब्द न केवल एक भूगोलिक क्षेत्र को दर्शाता है, बल्कि सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी इसका महत्वपूर्ण महत्व है ।
1. भारतवर्ष का प्राचीन उल्लेख
भारतवर्ष का उल्लेख प्राचीन भारतीय ग्रंथों और परंपराओं में मिलता है।
(i) पौराणिक उल्लेख
- भारतवर्ष का नाम प्राचीन भारतीय राजा भरत के नाम पर पड़ा, जो ऋषभदेव के पुत्र और चक्रवर्ती सम्राट थे।
- विष्णु पुराण, भागवत पुराण और महाभारत जैसे ग्रंथों में भारतवर्ष को जंबूद्वीप का एक भाग बताया गया है।
- भारतवर्ष को उस भूभाग के रूप में वर्णित किया गया है जहां आर्यावर्त के लोग रहते थे और वैदिक धर्म का पालन करते थे ।
(ii) वैदिक साहित्य में
- वैदिक ग्रंथों में भारत का उल्लेख सप्त सिंधु (सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के क्षेत्र) के रूप में मिलता है।
- ऋग्वेद में इस क्षेत्र को वैदिक सभ्यता का केंद्र बताया गया है।
2. भारतवर्ष की भौगोलिक परिभाषा
(i) प्राकृतिक सीमाएँ
- उत्तर में हिमालय और दक्षिण में हिंद महासागर तक फैले क्षेत्र को भारतवर्ष कहा गया है ।
- नदी तंत्र, विशेषकर गंगा, यमुना, सिंधु और सरस्वती, इस क्षेत्र के सांस्कृतिक और भौगोलिक ढांचे का आधार थे ।
(ii) प्राचीन यात्रियों का दृष्टिकोण
- मेगस्थनीज और ह्वेनसांग जैसे विदेशी यात्रियों ने भारतवर्ष को एक व्यापक भूभाग के रूप में देखा, जो एक विशिष्ट संस्कृति और परंपराओं से युक्त था।
3. भारतवर्ष की सांस्कृतिक अवधारणा
(i) धार्मिक केंद्र
- भारतवर्ष को धर्म और आध्यात्मिकता का केंद्र माना गया ।
- यह वह भूमि है जहां हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म जैसे प्रमुख धर्मों का उदय हुआ।
(ii) सांस्कृतिक एकता
- भारतवर्ष के भीतर विविधता के बावजूद एक सांस्कृतिक एकता देखी जाती है।
- त्यौहार, परंपराएँ, और धार्मिक अनुष्ठान देश के अलग-अलग हिस्सों को जोड़ते हैं।
4. भारतवर्ष की राजनीतिक अवधारणा
(i) महाजनपद और साम्राज्य
- प्राचीन काल में भारतवर्ष कई महाजनपदों में बँटा हुआ था, जो एक बड़े सांस्कृतिक और राजनीतिक इकाई का हिस्सा थे।
- मौर्य और गुप्त जैसे साम्राज्यों ने भारतवर्ष की राजनीतिक एकता को साकार करने का प्रयास किया ।
(ii) अधिराज्य और चक्रवर्ती सम्राट
- भारतवर्ष की अवधारणा का एक महत्वपूर्ण पहलू था कि इसे चक्रवर्ती सम्राटों द्वारा शासित माना गया, जो धर्म और न्याय का पालन करते थे ।
5. आधुनिक संदर्भ में भारतवर्ष
- आज भारतवर्ष आधुनिक भारत के रूप में जाना जाता है, जो संविधान के अनुसार एक लोकतांत्रिक गणराज्य है ।
- भारतवर्ष की पुरानी परिभाषा आज भी सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पहचान में परिलक्षित होती है।
निष्कर्ष
भारतवर्ष न केवल एक भौगोलिक सीमा है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक अवधारणा है जो भारत की विविधता और एकता को दर्शाती है। यह शब्द भारतीय सभ्यता के इतिहास, संस्कृति और राष्ट्रीयता का प्रतीक है ।
