औपचारिक पत्र

औपचारिक पत्र प्रधानाचार्य, पदाधिकारियों, व्यापारियों, ग्राहक, पुस्तक विक्रेता, सम्पादक आदि को लिखे गए पत्र औपचारिक पत्र कहलाते हैं । औपचारिक पत्र उन लोगों को लिखे जाते हैं, जिनसे हमारा निजी या पारिवारिक सम्बन्ध नहीं होता । इसमें शालीन भाषा तथा शिष्ट शैली का प्रयोग किया जाता है । औपचारिक पत्र के अन्तर्गत प्रार्थना पत्र, शिकायती … Read more

पत्र लेखन | पत्र लेखन हिंदी pdf

पत्र लेखन एक कला है, जो दो व्यक्तियों के विचारों को साहित्यिक तकनीक में समेट कर प्रस्तुत करती है । पत्र मनुष्य के विचारों का आदान-प्रदान सरल, सहज, लोकप्रिय तथा सशक्त माध्यम से करता है । पत्र की विशेषताएँ पत्र की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं – • भाषा की संक्षिप्तता पत्र लेखन में अपने भावों … Read more

हिन्दी साहित्य का काल – विभाजन एवं नामकरण

हिन्दी साहित्य का काल – विभाजन एवं नामकरण  जार्ज ग्रियर्सन का काल विभाजन                        डॉ. ग्रियर्सन के विभाजन में अनेक विसंगतियाँ, न्यूनता एवं त्रुटियाँ होते हुए भी प्रथम प्रयास होने के कारण इसका अपना विशिष्ट महत्त्व है ।  मिश्र बन्धु का काल – विभाजन तथा नामकरण मिश्र बन्धु ने आगे चलकर अपने ‘मिश्र बन्धु – … Read more

स्रोतों का सर्वेक्षण : प्रारंभिक और मध्यकालीन विश्व सभ्यता

स्रोतों का सर्वेक्षण : प्रारंभिक और मध्यकालीन विश्व सभ्यता प्रारंभिक और मध्यकालीन विश्व सभ्यताओं का अध्ययन विभिन्न पुरातात्त्विक (Archaeological) और साहित्यिक (Literary) स्रोतों के माध्यम से किया जाता है । ये स्रोत हमें उन सभ्यताओं की राजनीति, समाज, अर्थव्यवस्था, धर्म, संस्कृति और तकनीकी विकास की जानकारी प्रदान करते हैं ।   मिस्र सभ्यता स्रोतों का … Read more

खरोष्ठी लिपि का वर्णन करें |

खरोष्ठी लिपि का वर्णन करें | उत्तर : खरोष्ठी लिपि एक प्राचीन लिपि है जिसका उपयोग प्राचीन गांधार (वर्तमान अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान) में गांधारी प्राकृत एवं संस्कृत लिखने हेतु किया जाता था । यह ब्राह्मी की सहयोगी लिपि है जिसे दायें से बायें की ओर लिखा जाता था । इस लिपि को सर्वप्रथम जेम्स प्रिंसेप … Read more

ब्राह्मी लिपि का वर्णन करें |

ब्राह्मी लिपि का वर्णन करें | उत्तर : ब्राह्मी लिपि एक प्राचीन लिपि है जिससे कई एशियाई लिपियों का विकास हुआ । देवनागरी सहित अन्य दक्षिण एशियाई, दक्षिण-पूर्व एशियाई, तिब्बती तथा कुछ लोगों के अनुसार कोरियाई लिपि का विकास भी ब्राह्मी लिपि से हुआ । ब्राह्मी लिपि को वर्तमान समय में हमें परिचित कराने का … Read more

सिन्धु सरस्वती सभ्यता का धार्मिक जीवन

सिन्धु सरस्वती सभ्यता का धार्मिक जीवन पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर यह अनुमान लगाया जाता है कि सैंधव लोगों की धर्म में अत्यधिक आस्था थी । सिन्धु सभ्यता के लोगों का धार्मिक जीवन पर्याप्त उन्नत था । इस सभ्यता की धार्मिक जीवन सम्बन्धी विशेषताएँ निम्नलिखित थी-

सिन्धु सरस्वती सभ्यता का आर्थिक जीवन

सिन्धु सरस्वती सभ्यता का आर्थिक जीवन उत्खनन द्वारा प्राप्त किये गये भग्नावशेषों से ज्ञात होता है कि सिन्धु सभ्यता के निवासियों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ थी। यद्यपि समृद्धि प्राप्त करने हेतु उन्होंने विभिन्न साधनों का प्रयोग किया था, किन्तु कृषि ही सर्वप्रमुख साधन प्रतीत होता है।’ तत्कालीन आर्थिक जीवन का वर्णन निम्नवत् है :-                        … Read more

सिन्धु सरस्वती सभ्यता का सामाजिक जीवन

उत्खनन से प्राप्त अवशेषों से सिन्धु सभ्यता की सामाजिक स्थिति का ज्ञान होता है कि यहाँ मातृसत्तात्मक व्यवस्था थी । अवशेषों से प्राप्त भवनों के विभिन्न प्रकार यह दर्शाते हैं कि सिन्धुकालीन समाज में पुरोहित, व्यापारी, शिल्पकार और श्रमिक महत्त्वपूर्ण भूमिका रखते थे । इस सभ्यता की सामाजिक जीवन सम्बन्धी विशेषताएँ निम्नलिखित थीं-

मिस्र सभ्यता की कला

मिस्र सभ्यता की कला (Art of Egyptian Civilisation)  1) मूर्ति कला 2) चित्रकला 3) ममी बनाने की कला 4) लेखन कला   मूर्ति कला (Sculpture Art ) मिस्र सभ्यता में मूर्तिकला के क्षेत्र में आश्चर्यजनक उन्नति हुई थी । मिस्र के लोगों द्वारा निर्मित फराओं की 60 फुट से अधिक ऊँची पत्थर की मूर्तियों को … Read more

error: Content is protected !!