वैदिक धर्म एवं दर्शन से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व का वर्णन कीजिए ।

वैदिक धर्म एवं दर्शन से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व का वर्णन कीजिए ।

प्रश्न-वैदिक धर्म एवं दर्शन से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व का वर्णन कीजिए । आर्य सभ्यता के विकास और उसमें वैदिक धर्म और दर्शन का विशेष महत्व है। वैदिक धर्म और दर्शन न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण थे, बल्कि उन्होंने समाज, संस्कृति और नैतिकता के मूलभूत सिद्धांतों को भी स्थापित किया। … Read more

पूर्व वैदिक एवं उत्तर वैदिक कालीन साहित्य एवं दर्शन की विवेचना कीजिए।

पूर्व वैदिक एवं उत्तर वैदिक कालीन साहित्य एवं दर्शन की विवेचना कीजिए।

प्रश्न- पूर्व वैदिक एवं उत्तर वैदिक कालीन साहित्य एवं दर्शन की विवेचना कीजिए। वैदिक साहित्य भारत की अमूल्य निधि है। इसके द्वारा वैदिक संस्कृति के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी मिलती है। आर्यों की सभ्यता तथा संस्कृति को जानने का तो यह एकमात्र साधन है। वैदिक साहित्य में केवल वेद ही नहीं, अपितु आर्यों के सभी … Read more

उत्तर वैदिक सभ्यता की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए। 

उत्तर वैदिक सभ्यता की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए। 

प्रश्न- उत्तर वैदिक सभ्यता की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।  1100 ई. पूर्व में ऋग्वैदिक काल की सभ्यता समाप्त हो गई। इसके बाद की सभ्यता को ‘उत्तर वैदिक काल की सभ्यता’ के नाम से पुकारा जाता है। अधिकांश इतिहासकारों ने इस सभ्यता का समय लगभग 1000 ई. पूर्व से 600 ई. पूर्व माना है। यजुर्वेद, … Read more

पूर्व वैदिक ( ऋग्वैदिक कालीन) सभ्यता के सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक जीवन की विवेचना कीजिए । 

पूर्व वैदिक ( ऋग्वैदिक कालीन) सभ्यता के सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक जीवन की विवेचना कीजिए । 

प्रश्न- पूर्व वैदिक ( ऋग्वैदिक कालीन) सभ्यता के सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक जीवन की विवेचना कीजिए ।  वैदिक सभ्यता के निर्माता आर्य थे। आर्य शब्द का अर्थ है— श्रेष्ठ अथवा कुलीन व्यक्ति। आर्य गोरे रंग के लम्बे-चौड़े, बलिष्ठ, वीर तथा साहसी होते थे। आर्यों ने जिस साहित्य की रचना की, वह वैदिक साहित्य के नाम … Read more

आर्य कौन थे? इनके मूल निवास के बारे में कौन-कौन से सर्वाधिक विश्वसनीय सिद्धान्त हैं और क्यों ? स्पष्ट करें।

आर्य कौन थे? इनके मूल निवास के बारे में कौन-कौन से सर्वाधिक विश्वसनीय सिद्धान्त हैं और क्यों ? स्पष्ट करें।

प्रश्न- आर्य कौन थे? इनके मूल निवास के बारे में कौन-कौन से सर्वाधिक विश्वसनीय सिद्धान्त हैं और क्यों ? स्पष्ट करें। सिंधुघाटी की सभ्यता के पतन के पश्चात भारत के विभिन्न भागों में भिन्न-भिन्न संस्कृतियों का उदय हुआ । इनमें सबसे महत्त्वपूर्ण आर्यों की सभ्यता है। इस सभ्यता की जानकारी मुख्यतया वैदिक साहित्य से ही … Read more

हड़प्पा सभ्यता के नगर नियोजन का वर्णन कीजिये । 

हड़प्पा सभ्यता के नगर नियोजन का वर्णन कीजिये । 

प्रश्न- हड़प्पा सभ्यता के नगर नियोजन का वर्णन कीजिये ।  1920 ई. में दयाराम साहनी के नेतृत्व में हड़णा में तथा 1922 ई. में राखलदास बनर्जी के नेतृत्व में मोहनजोदड़ो में खुदाई का कार्य आरम्भ किया गया। 1923 ई. में भारतीय पुरातत्व विभाग की ओर से सर जान मार्शल के नेतृत्व में खुदाई का कार्य … Read more

सरस्वती सभ्यता के अस्तित्व के प्रमाणों की चर्चा करें। सिन्धु और सरस्वती सभ्यता के आपसी सम्बन्धों पर क्या मतभेद है ? स्पष्ट करें। 

सरस्वती सभ्यता के अस्तित्व के प्रमाणों की चर्चा करें। सिन्धु और सरस्वती सभ्यता के आपसी सम्बन्धों पर क्या मतभेद है ? स्पष्ट करें। 

प्रश्न- सरस्वती सभ्यता के अस्तित्व के प्रमाणों की चर्चा करें। सिन्धु और सरस्वती सभ्यता के आपसी सम्बन्धों पर क्या मतभेद है ? स्पष्ट करें।  सरस्वती सभ्यता का अस्तित्व भारतीय इतिहास और पुरातत्व के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद विषय रहा है। वैदिक साहित्य में सरस्वती नदी का बार-बार उल्लेख मिलता है, और इसे एक … Read more

सिंधु सभ्यता और वैदिक सभ्यता के बीच मुख्य समानताएँ और असमानताओं का वर्णन कीजिए। वैदिक सभ्यता के विकास पर सिन्धु-सरस्वती सभ्यता का क्या प्रभाव पड़ा ? 

सिंधु सभ्यता और वैदिक सभ्यता के बीच मुख्य समानताएँ और असमानताओं का वर्णन कीजिए। वैदिक सभ्यता के विकास पर सिन्धु-सरस्वती सभ्यता का क्या प्रभाव पड़ा ? 

प्रश्न- सिंधु सभ्यता और वैदिक सभ्यता के बीच मुख्य समानताएँ और असमानताओं का वर्णन कीजिए। वैदिक सभ्यता के विकास पर सिन्धु-सरस्वती सभ्यता का क्या प्रभाव पड़ा ?  सिंधु-सरस्वती सभ्यता और वैदिक सभ्यता दोनों ही भारतीय उपमहाद्वीप की प्राचीनतम और महत्वपूर्ण सभ्यताएं हैं। यद्यपि दोनों सभ्यताओं का समय और भौगोलिक क्षेत्र अलग-अलग है, फिर भी इन … Read more

सिंधु-सरस्वती सभ्यता के महत्व और उसकी प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए | इसके निरन्तर अस्तित्व में रहने एवं पतन के कारणों का वर्णन कीजिए।

सिंधु-सरस्वती सभ्यता के महत्व और उसकी प्रमुख विशेषताओं का वर्ण कीजिए | इसके निरन्तर अस्तित्व में रहने एवं पतन के कारणों का वर्णन कीजिए।

प्रश्न- सिंधु-सरस्वती सभ्यता के महत्व और उसकी प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए | इसके निरन्तर अस्तित्व में रहने एवं पतन के कारणों का वर्णन कीजिए।  सिंधु-सरस्वती सभ्यता, जिसे हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है, विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। यह सभ्यता लगभग 3300-1300 ईसा पूर्व के बीच विकसित हुई थी और इसका … Read more

नव पाषाण -ताम्रयुगीन संस्कृतियों का आलोचनात्मक वर्णन कीजिये।

नव पाषाण -ताम्रयुगीन संस्कृतियों का आलोचनात्मक वर्णन कीजिये।

प्रश्न- नव पाषाण -ताम्रयुगीन संस्कृतियों का आलोचनात्मक वर्णन कीजिये। ताम्र तथा कांस्य युग : सभ्भगवतः नव पाषाणकाल के अन्तिम वर्षों में धातुओं का आविष्कार और उनका सीमित उपयोग शुरू हो गया था। भारत में धातुओं में ताँबे (नाम) का प्रयोग सर्वप्रथम हुआ। ताँबा पाषाण की अपेक्षा अधिक सुदृढ़, सुडौल, सुन्दर और चिकन था। इसे साँचे … Read more

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