हिमानियों के कार्य एवं उनके द्वारा उत्पन्न विभिन्न स्थलाकृतियों का वर्णन कीजिए| PDF Notes Download

प्रश्न- हिमानियों के कार्य एवं उनके द्वारा उत्पन्न विभिन्न स्थलाकृतियों का वर्णन कीजिए| उत्तर- हिमानियाँ (Glaciers) पृथ्वी की सतह पर विशाल बर्फ की नदियाँ हैं, जो गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से धीरे-धीरे नीचे की ओर प्रवाहित होती हैं। ये उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा और हिमपात से बनती हैं| नदियों की तरह, हिमानियाँ भी मुख्यतः तीन … Read more

हड़प्पा कालीन / सिंघु घाटी सभ्यता कालीन विज्ञान – प्रोधोगिकी के विकास विकास का वर्णन करे |

प्रश्न : हड़प्पा कालीन / सिंघु घाटी सभ्यता कालीन विज्ञान – प्रोधोगिकी के विकास विकास का वर्णन करे | उत्तर : हड़प्पा या सिंधु घाटी सभ्यता विश्व की सबसे प्राचीन और विकसित सभ्यताओं में से एक थी। यह सभ्यता वर्तमान पाकिस्तान और उत्तर-पश्चिम भारत के क्षेत्र में विकसित हुई थी। हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, लोथल, कालीबंगा, राखीगढ़ी … Read more

गुप्तकाल में विज्ञान – प्रोधोगिकी के विकास विकास का वर्णन करे |

प्रश्न : गुप्तकाल में विज्ञान – प्रोधोगिकी के विकास विकास का वर्णन करे | गुप्तकाल भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग कहा जाता है। इस काल में राजनीति, अर्थव्यवस्था, साहित्य, कला, शिक्षा, धर्म और विज्ञान—सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई। विशेष रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में गुप्तकाल को भारतीय सभ्यता के उत्कर्ष का … Read more

स्वास्थ्य में योग के महत्व का वर्णन करें |

प्रश्न : स्वास्थ्य में योग के महत्व का वर्णन करें | उत्तर : योग भारत की प्राचीनतम और सबसे प्रभावशाली जीवनशैली पद्धतियों में से एक है। संस्कृत में “योग” शब्द का अर्थ है — “जुड़ना” या “एकता”। अर्थात् योग वह साधना है जो शरीर, मन और आत्मा को एकता के सूत्र में बांधती है। योग … Read more

प्राचीन भारतीय चिकित्साशास्त्र ( आयुर्वेद ) पर प्रकाश डालें |अथवा प्राकृतिक चिकित्सा से आप क्या समझते है ?

प्रश्न : प्राचीन भारतीय चिकित्साशास्त्र ( आयुर्वेद ) पर प्रकाश डालें |अथवा प्राकृतिक चिकित्सा से आप क्या समझते है ? भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन और समृद्ध संस्कृतियों में से एक है, जिसने मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपना विशिष्ट योगदान दिया। चिकित्सा के क्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी देन “आयुर्वेद” है। … Read more

प्राचीन भारत में विज्ञान एवं तकनीक के विकास का मूल्यांकन करें |

प्रश्न : प्राचीन भारत में विज्ञान एवं तकनीक के विकास का मूल्यांकन करें | उत्तर : भारत विश्व की उन प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जिसने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान दिया। यहाँ का विज्ञान केवल प्रयोगों और आविष्कारों तक सीमित नहीं था, बल्कि यह जीवन और प्रकृति के साथ … Read more

उपयुक्त रेखाचित्र की सहायता से बलित पर्वत-निर्माण सम्बन्धी होम्स के विचारों की आलोचनात्मक विवेचना करें | PDF Notes Download

प्रश्न- उपयुक्त रेखाचित्र की सहायता से बलित पर्वत-निर्माण सम्बन्धी होम्स के विचारों की आलोचनात्मक विवेचना करें | उत्तर- जर्मन भूविज्ञानी आर्थर होम्स ने 1930 के दशक में पर्वत निर्माण की प्रक्रिया को समझाने के लिए अपना ‘संवहन तरंग सिद्धांत‘ (Convection Current Theory) प्रस्तुत किया। यह सिद्धांत पृथ्वी के आंतरिक भाग में उत्पन्न होने वाली संवहन … Read more

भू-आकृति विज्ञान की प्रकृत्ति और विषय – क्षेत्र की व्याख्या करें |

प्रश्न- भू-आकृति विज्ञान की प्रकृत्ति और विषय – क्षेत्र की व्याख्या करें| उत्तर- भू-आकृति विज्ञान (Geomorphology) भूगोल की एक महत्त्वपूर्ण शाखा है, जो पृथ्वी की सतह पर स्थित विभिन्न आकृतियों – जैसे पर्वत, पठार, मैदान, घाटियाँ, रेगिस्तान, आदि – के निर्माण, विकास एवं उनके परिवर्तनों का अध्ययन करती है। निष्कर्ष:- भू-आकृति विज्ञान पृथ्वी की सतह … Read more

पृथ्वी की आतंरिक संरचना का विस्तार में वर्णन करें| PDF Notes Download

प्रश्न- पृथ्वी की आतंरिक संरचना का विस्तार में वर्णन करें| उत्तर- पृथ्वी की आंतरिक संरचना अत्यंत जटिल और बहुस्तरीय है। वैज्ञानिकों ने भूकंपीय तरंगों के अध्ययन के माध्यम से पृथ्वी के भीतरी भागों की जानकारी प्राप्त की है। पृथ्वी को मुख्यतः तीन भागों में विभाजित किया गया है – क्रस्ट (भूपटल), मेंटल, और कोर (केंद्रक)। … Read more

पर्यावरण संरक्षण पर भारतीय विचार की विवेचना करें | अथवा पर्यावरण क्या है ? पर्यावरण संरक्षण पर प्राचीन भारतीय दृष्टिकोण को लिखिए

प्रश्न : पर्यावरण संरक्षण पर भारतीय विचार की विवेचना करें | अथवा, पर्यावरण क्या है ? पर्यावरण संरक्षण पर प्राचीन भारतीय दृष्टिकोण को लिखिए | उत्तर : भारतीय संस्कृति में पर्यावरण को अत्यंत पवित्र और जीवन का आधार माना गया है। यहाँ पर्यावरण केवल प्रकृति का रूप नहीं, बल्कि ईश्वर की रचना का अभिन्न अंग … Read more