बेबीलोनिया सभ्यता का कानून अत्यंत संगठित और न्यायसंगत था । इस सभ्यता की न्याय व्यवस्था को औपचारिक रूप देने का श्रेय राजा हम्मुराबी (1792-1750 ईसा पूर्व) को जाता है, जिन्होंने विश्व की पहली लिखित कानून संहिता तैयार की । इसे हम्मुराबी की संहिता (Code of Hammurabi) कहा जाता है, जिसमें 282 कानून शामिल थे । यह संहिता पत्थर की पट्टिकाओं पर अंकित थी और इसे सार्वजनिक स्थलों पर रखा जाता था ताकि सभी लोग इससे अवगत हो सकें ।
1. हम्मुराबी की संहिता के प्रमुख सिद्धांत
- इसका मूल सिद्धांत “आंख के बदले आंख, दांत के बदले दांत” (Lex Talionis) था, अर्थात् अपराधी को वैसा ही दंड दिया जाता था जैसा अपराध उसने किया ।
- समाज को विभिन्न वर्गों में बांटा गया था और दंड भी वर्गों के अनुसार तय होते थे । उच्च वर्ग के अपराधियों को अपेक्षाकृत हल्की सजा मिलती थी, जबकि निम्न वर्ग और दासों को कठोर दंड दिया जाता था ।
- कानून धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक जीवन के सभी पहलुओं को नियंत्रित करता था ।
2. कानून के प्रमुख क्षेत्र
(i) अपराध और दंड
- हत्या, चोरी, झूठी गवाही, धोखाधड़ी के लिए कड़ी सजा थी ।
- यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य को शारीरिक चोट पहुँचाता था, तो उसे भी वैसा ही दंड दिया जाता था ।
- झूठे आरोप लगाने पर आरोप लगाने वाले को सजा मिलती थी ।
(ii) व्यापार और संपत्ति कानून
- व्यापारिक अनुबंधों को कानूनी रूप से मान्यता दी गई थी ।
- उधार और ब्याज दरों के नियम निर्धारित किए गए थे ।
- संपत्ति के स्वामित्व और विरासत संबंधी स्पष्ट कानून थे ।
(iii) विवाह और परिवार कानून
- विवाह एक कानूनी अनुबंध था और इसे दस्तावेजों में दर्ज किया जाता था ।
- पत्नी को पति के प्रति निष्ठावान रहना अनिवार्य था, अन्यथा उसे कठोर दंड दिया जाता था ।
- तलाक संभव था, लेकिन इसके लिए उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक था ।
(iv) दासता और श्रमिक कानून
- दासों को कुछ कानूनी अधिकार प्राप्त थे और वे कुछ स्थितियों में स्वतंत्र हो सकते थे ।
- दासों के साथ अमानवीय व्यवहार करने पर स्वामी को दंडित किया जाता था ।
- मजदूरी और श्रमिकों के अधिकारों के लिए भी नियम बनाए गए थे ।
3. न्यायिक प्रणाली
- राजा न्याय का सर्वोच्च स्रोत था ।
- अदालतों में गवाहों और लिखित प्रमाणों के आधार पर निर्णय किए जाते थे ।
- झूठी गवाही देने वालों के लिए कड़ी सजा थी।
बेबीलोनिया सभ्यता की कानूनी व्यवस्था दुनिया की पहली सुव्यवस्थित न्याय प्रणाली में से एक थी । हम्मुराबी की संहिता ने सामाजिक अनुशासन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और यह आगे की सभ्यताओं के कानूनी ढांचे के लिए एक प्रेरणा बनी ।