बेबीलोनिया सभ्यता : धार्मिक जीवन

बेबीलोनिया सभ्यता : धार्मिक जीवन

बेबीलोनिया सभ्यता में धर्म समाज का केंद्र था और इसका प्रभाव प्रशासन, न्याय और संस्कृति पर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। यह सभ्यता बहुदेववादी (Polytheistic) थी, जिसमें अनेक देवी-देवताओं की पूजा की जाती थी । प्रत्येक देवता किसी न किसी प्राकृतिक शक्ति या सामाजिक नियम से जुड़ा हुआ था ।

 प्रमुख देवता – बेबीलोन के सर्वोच्च देवता मर्दुक थे, जिन्हें सृष्टि का रचयिता और न्याय का रक्षक माना जाता था। अन्य प्रमुख देवताओं में इनाना/ईश्तर (प्रेम, युद्ध और उपजाऊपन की देवी), एनलिल (तूफान और वायु के देवता), शमाश (सूर्य और न्याय के देवता), नन्ना (चंद्र देवता) और एआ (जल और ज्ञान के देवता) शामिल थे ।

धार्मिक अनुष्ठान और पूजा ज़िग्गुरैट नामक विशाल मंदिरों में संपन्न किए जाते थे, जहाँ पुजारी देवताओं की मूर्तियों की देखभाल करते और बलिदान देते थे । इन अनुष्ठानों में पशु बलि, अनाज, दूध और मद्य अर्पण किया जाता था ।

बेबीलोन में धार्मिक त्योहारों का विशेष महत्व था । अकितु पर्व (Akitu Festival) नववर्ष पर मनाया जाता था, जिसमें राजा देवताओं की पूजा करता और नए वर्ष की समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगता ।

बेबीलोनियाई धर्म खगोल विज्ञान और ज्योतिष से गहराई से जुड़ा था । वे ग्रहों की चाल से भविष्यवाणी करते थे ।

बेबीलोनियाई धार्मिक परंपराओं ने उनकी संस्कृति, कानून और प्रशासन को गहराई से प्रभावित किया और उन्हें एक संगठित समाज बनाया ।

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