चन्द्रगुप्त मौर्य के चरित्र एवं उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।PDF DOWNLOAD

चन्द्रगुप्त मौर्य के चरित्र एवं उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।PDF DOWNLOAD

प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के चरित्र एवं उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।  चन्द्रगुप्त मौर्य का जन्म 345 ई० पू० में नौर्य वंश के क्षत्रीय कुल में हुआ था। उसके पिता के नाम का पता नहीं है परन्तु वह मौर्यो का प्रधान था, जो एक शक्तिशाली राजा द्वारा मार डाला गया। वह शक्तिशाली राजा शायद नंद ही था। … Read more

भारत पर सिकंदर के आक्रमण के कारण, स्वरूप एवं प्रभाव का वर्णन करें।PDF DOWNLOAD

भारत पर सिकंदर के आक्रमण के कारण, स्वरूप एवं प्रभाव का वर्णन करें।PDF DOWNLOAD

प्रश्न- भारत पर सिकंदर के आक्रमण के कारण, स्वरूप एवं प्रभाव का वर्णन करें। सिकंदर 327 ईo पूर्व भारत पहुँचा। उसके भारत पर आक्रमण के पूर्व पश्चिमोत्तर भारत कई छोटे-छोटे राज्यों में विभक्त था। ये राज्य थे- अश्मक, गौर, पूर्वी अश्मक, नीसा, पश्चिमी गांधार, पूर्व गांधार, उरसा, अभिसार, पौरव, ग्लुचूकयन, अद्रिज, कठ, सौभूति, मंगल अगलेसाय, … Read more

भारत पर साइरस, डेरियस-I तथा जरक्सेस के आक्रमणों का वर्णन कीजिए।PDF DOWNLOAD

भारत पर साइरस, डेरियस-I तथा जरक्सेस के आक्रमणों का वर्णन कीजिए।

प्रश्न- भारत पर साइरस, डेरियस-I तथा जरक्सेस के आक्रमणों का वर्णन कीजिए। पूरे इतिहास में, भारत पर विभिन्न पश्चिमी शक्तियों, राजाओं और शासकों द्वारा कई बार आक्रमण किया गया है। उन आक्रमणों में से, फारसी या ईरानी आक्रमण भी एक था।  अन्य देशों ने भी भारत पर आक्रमण किया है, जैसे यूनानी, अफगान, तुर्क और … Read more

भारत पर पारसी (ईरानी) आक्रमणों के परिणामों की विवेचना करें।PDF DOWNLOAD

भारत पर पारसी (ईरानी) आक्रमणों के परिणामों की विवेचना करें।

प्रश्न- भारत पर पारसी (ईरानी) आक्रमणों के परिणामों की विवेचना करें।  छठी से चौथी शताब्दी ई० पू० के राजनीतिक जीवन की एक अन्य महत्वपूर्ण घटना (मगध के उत्थान के अतिरिक्त) है भारत पर विदेशी आक्रमणों का प्रथम चरण । जिस समय पूर्व में मगध साम्राज्यवाद का विस्तार हो रहा था, ठीक उसी समय पश्चिमोत्तर भारत … Read more

एक साम्राज्य के रूप में मगध राज्य के उत्थान की विवेचना करें।PDF DOWNLOAD

एक साम्राज्य के रूप में मगध राज्य के उत्थान की विवेचना करें।

प्रश्न- एक साम्राज्य के रूप में मगध राज्य के उत्थान की विवेचना करें। छठी शताब्दी ई० पूर्व के महाजनपदों में अंततः मगध एक साम्राज्यवादी ताकत के रूप में उभरा। बिम्बिसार, अजातशत्रु और महापद्यनंद जैसे पराक्रमी राजाओं ने मगध के उत्कर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 321 ई० पूर्व तक इसने एक विशाल साम्राज्य का रूप धारण … Read more

छठी शताब्दी ई० पू० भारत की राजनीतिक स्थिति का विश्लेषण करें।PDF DOWNLOAD

छठी शताब्दी ई० पू० भारत की राजनीतिक स्थिति का विश्लेषण करें। 

प्रश्न- छठी शताब्दी ई० पू० भारत की राजनीतिक स्थिति का विश्लेषण करें।  उस काल में उत्तरी भारत में कोई सार्वभौम सत्ता नहीं थी। कहने का अर्थ यह है कि ऐसा कोई विशाल साम्राज्य न था जो सारे उत्तरी भारत को एक शासन सूत्र में बाँध सकता और एक ही जंगह से शासन चला सकता । … Read more

उत्तर वैदिक काल के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक जीवन का वर्णन करें।PDF DOWNLOAD

उत्तर वैदिक काल के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक जीवन का वर्णन करें।PDF DOWNLOAD

प्रश्न- उत्तर वैदिक काल के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक जीवन का वर्णन करें।  1100 ई. पूर्व. में ऋग्वैदिक काल की सभ्यता समाप्त हो गई। इसके बाद की सभ्यता को ‘उत्तर वैदिक काल की सभ्यता’ के नाम से पुकारा जाता है। अधिकांश इतिहासकारों ने इस सभ्यता का समय लगभग 1000 ई. पूर्व से 600 ई. … Read more

पूर्व वैदिक या ऋग्वैदिक काल में सामाजिक, आर्थिक जीवन की विशेषताओं का वर्णन करें।PDF DOWNLOAD

पूर्व वैदिक या ऋग्वैदिक काल में सामाजिक, आर्थिक जीवन की विशेषताओं का वर्णन करें।PDF DOWNLOAD

प्रश्न- पूर्व वैदिक या ऋग्वैदिक काल में सामाजिक, आर्थिक जीवन की विशेषताओं का वर्णन करें।  ऋग्वैदिक सभ्यता : ऋग्वैदिक सभ्यता का भारतीय इतिहास में अत्यधिक महत्त्व है। प्रो० मैक्समूलर का कथन है कि “वेद केवल भारतीय इतिहास के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि विश्व के एक बहुत बड़े अभाव की पूर्ति करते हैं।  ऋग्वैदिक सभ्यता … Read more

सिन्धुघाटी के लोगों की सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक तथा राजनीतिक दशा का वर्णन कीजिए।PDF DOWNLOAD

प्रश्न- सिन्धुघाटी के लोगों की सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक तथा राजनीतिक दशा का वर्णन कीजिए।

प्रश्न- सिन्धुघाटी के लोगों की सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक तथा राजनीतिक दशा का वर्णन कीजिए।   हड़प्पा सभ्यता का प्राचीन भारत के इतिहास में एक विशिष्ट स्थान है। यह कई बातों में विश्व की अन्य सभ्यताओं से श्रेष्ठ तथा उन्नत थी। यह विश्व की अत्यंत प्राचीन और मानवोपयोगी सभ्यता मानी जाती है।  1. हड़प्पा सभ्यता की जानकारी … Read more

हड़प्पा सभ्यता की आधारभूत विशेषताओं पर प्रकाश डालिए। इस सभ्यता के पतन के क्या कारण थे ?PDF DOWNLOAD

हड़प्पा सभ्यता की आधारभूत विशेषताओं पर प्रकाश डालिए। इस सभ्यता के पतन के क्या कारण थे ?

प्रश्न- हड़प्पा सभ्यता की आधारभूत विशेषताओं पर प्रकाश डालिए। इस सभ्यता के पतन के क्या कारण थे ?  हड़प्पा सभ्यता का प्राचीन भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है। यह विश्व की अत्यन्त प्राचीन एवं मानवोपयोगी सभ्यताओं में गिनी जाती है। अपने श्रेष्ठतम एवं सुनियोजित नगरों, सुव्यवस्थित निवास व्यवस्था, उत्तम नागरिक प्रबन्ध, सुन्दर और उपयोगी … Read more

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