मौर्य साम्राज्य के पतन के कारणों की आलोचनात्मक विवेचना करें।

मौर्य साम्राज्य के पतन के कारणों की आलोचनात्मक विवेचना करें।

प्रश्न- मौर्य साम्राज्य के पतन के कारणों की आलोचनात्मक विवेचना करें। अशोक के शासनकाल में मौर्य साम्राज्य अपने उच्चतम शिखर पर था। सुदूर दक्षिण के राज्यों को छोड़कर सम्पूर्ण भारत और अफगानिस्तान तक यह साम्राज्य फैला हुआ था। 232 ई. पूर्व में अशोक की मृत्यु हुई और 50 वर्षों में ही मौर्य साम्राज्य समाप्त हो … Read more

मौर्यकालीन सामाजिक दशा का वर्णन कीजिए ।

मौर्यकालीन सामाजिक दशा का वर्णन कीजिए ।

प्रश्न- मौर्यकालीन सामाजिक दशा का वर्णन कीजिए । मौर्य काल में समाज ( Society in Mauryan ) : मौर्यों ने 324 ई०पू० से लेकर 185 ई०पू० तक शासन किया। इस काल के सामाजिक और आर्थिक दशा के विषय में कौटिल्य के अर्थशास्त्र, मैगस्थनीज के विवरण बौद्ध साहित्य, जैन साहित्य और पुराणों आदि से महत्त्वपूर्ण जानकारी … Read more

अशोक के ‘धम्म’ से आप क्या समझते हैं? इसके प्रचार के लिए उसने कौन से उपाय किये ? 

अशोक के 'धम्म' से आप क्या समझते हैं? इसके प्रचार के लिए उसने कौन से उपाय किये ? 

प्रश्न- अशोक के ‘धम्म’ से आप क्या समझते हैं? इसके प्रचार के लिए उसने कौन से उपाय किये ?  अशोक भारतीय इतिहास में न सिर्फ विजेता एवं कुशल प्रशासक के रूप में विख्यात है, बल्कि वह स्वयं अपने जनसाधारण के आध्यात्मिक कल्याण के लिए प्रयत्नशील था। कलिंग युद्ध के पश्चात उसने मानव कल्याण की तरफ … Read more

कलिंग युद्ध सम्राट अशोक के जीवन एवं भारत के इतिहास की एक युगांतकारी घटना थी, स्पष्ट करें। 

कलिंग युद्ध सम्राट अशोक के जीवन एवं भारत के इतिहास की एक युगांतकारी घटना थी, स्पष्ट करें। 

प्रश्न- कलिंग युद्ध सम्राट अशोक के जीवन एवं भारत के इतिहास की एक युगांतकारी घटना थी, स्पष्ट करें।  अशोक विश्व के महान सम्राटों में से एक था। शासन की व्यवस्था, साम्राज्य के विस्तार, ह्रदय की उदारता, शिल्पकला के संवर्द्धन, प्रजावत्सलता और धर्म की संरक्षता इत्यादि के दृष्टिकोण से मानव जाति के इतिहास में यह सम्राट अद्वितीय … Read more

चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रशासन की विशेषताओं का वर्णन करें। 

चन्द्रगुप्त मार्य के प्रशासन की विशेषताओं का वर्णन करें। 

प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रशासन की विशेषताओं का वर्णन करें।   मेगस्थनीज सीरिया के सम्राट सेल्यूकस नाइकेटर का राजदूत था जिसक सन्धि के फलस्वरूप पाटलिपुत्र में निवास करने के लिए नियुक्त किया गया था। उसने ‘इण्डिका’ नामक पुस्तक लिखी है। वह भारत में काफी समय तक रहा और उसने तत्कालीम भारत की शासन-व्यवस्था एवं भारतीयों के … Read more

एक योद्धा और साम्राज्य निर्माता के रूप में चन्द्रगुप्त मौर्य का मूल्यांकन करें।

एक योद्धा और साम्राज्य निर्माता के रूप में चन्द्रगुप्त मौर्य का मूल्यांकन करें।

प्रश्न- एक योद्धा और साम्राज्य निर्माता के रूप में चन्द्रगुप्त मौर्य का मूल्यांकन करें। ईसा पूर्व चौथी शताब्दी में मगध साम्राज्य की बागडोर नंदवंश के हाथों में चली गयी । नन्दवंश के अन्तिम शासक धननन्द के समय भारत की पश्चिमोत्तर सीमा पर सिकन्दर का आक्रमण हुआ और सिकन्दर की विजय के परिणामस्वरूप उत्तर-पश्चिमी सीमा प्रान्त … Read more

गौतम बुद्ध के जीवन और उनकी शिक्षाओं पर प्रकाश डालें। 

गौतम बुद्ध के जीवन और उनकी शिक्षाओं पर प्रकाश डालें। 

प्रश्न- गौतम बुद्ध के जीवन और उनकी शिक्षाओं पर प्रकाश डालें।  महात्मा बुद्ध बौद्ध-धर्म के संस्थापक थे। इनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था। इनके पिता का नाम शुद्धोदन और माता का नाम माया देवी था। शुद्धोदन नेपाल की तराई में स्थित शाक्यवंश के राजा थे। शाक्यों की राजधानी कपिलवस्तु थी । प्रौढावस्था में 563 ई० … Read more

वर्द्धमान महावीर के जीवन एवं शिक्षाओं का उल्लेख करें।

वर्द्धमान महावीर के जीवन एवं शिक्षाओं का उल्लेख करें।

प्रश्न- वर्द्धमान महावीर के जीवन एवं शिक्षाओं का उल्लेख करें। जैन परम्पराओं के अनुसार महावीर से पहले इस धर्म के 23 गुरू हो चुके थे, जो तीर्थंकर कहलाते थे। महावीर चौबीसवें तीर्थंकर थे। प्रारम्भिक तीर्थंकरों के संबंध में जानकारी वैदिक साहित्य में मिलती है। सबसे पहले तीर्थंकर ऋषभदेव थे। केवल अन्तिम दो अर्थात् 23 वें … Read more

मगध के उत्कर्ष के क्या कारण थे ? मौर्या के आगमन के पूर्व मगध के राजनीतिक उत्कर्ष का वर्णन करें | 

मगध के उत्कर्ष के क्या कारण थे ? मौर्या के आगमन के पूर्व मगध के राजनीतिक उत्कर्ष का वर्णन करें | 

प्रश्न- मगध के उत्कर्ष के क्या कारण थे ? मौर्या के आगमन के पूर्व मगध के राजनीतिक उत्कर्ष का वर्णन करें |  छठी शताब्दी ई० पूर्व के महाजनपदों में अंततः मगध एक साम्राज्यवादी ताकत के रूप में उभरा। बिम्बिसार, अजातशत्रु और महापद्यनंद जैसे पराक्रमी राजाओं ने मगध के उत्कर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 321 ई० … Read more

छठी शताव्दी ई० पू० की भारत की राजनैतिक अवस्था का वर्णन कीजिए।

छठी शताव्दी ई० पू० की भारत की राजनैतिक अवस्था का वर्णन कीजिए।

प्रश्न- छठी शताव्दी ई० पू० की भारत की राजनैतिक अवस्था का वर्णन कीजिए। महाभारत युद्ध के पश्चात् भारत अनेक राज्यों में विभक्त हो गया । वैदिक काल में आर्यों का राजनीतिक आधार जन था। उत्तर वैदिक काल में जनपद का विकास हुआ। राज्य की कल्पना भौगोलिक आधार पर होने लगी। छठीं शताब्दी ई. पू. में … Read more

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