सिंधु-सरस्वती सभ्यता के महत्व और उसकी प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए | इसके निरन्तर अस्तित्व में रहने एवं पतन के कारणों का वर्णन कीजिए।

सिंधु-सरस्वती सभ्यता के महत्व और उसकी प्रमुख विशेषताओं का वर्ण कीजिए | इसके निरन्तर अस्तित्व में रहने एवं पतन के कारणों का वर्णन कीजिए।

प्रश्न- सिंधु-सरस्वती सभ्यता के महत्व और उसकी प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए | इसके निरन्तर अस्तित्व में रहने एवं पतन के कारणों का वर्णन कीजिए।  सिंधु-सरस्वती सभ्यता, जिसे हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है, विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। यह सभ्यता लगभग 3300-1300 ईसा पूर्व के बीच विकसित हुई थी और इसका … Read more

नव पाषाण -ताम्रयुगीन संस्कृतियों का आलोचनात्मक वर्णन कीजिये।

नव पाषाण -ताम्रयुगीन संस्कृतियों का आलोचनात्मक वर्णन कीजिये।

प्रश्न- नव पाषाण -ताम्रयुगीन संस्कृतियों का आलोचनात्मक वर्णन कीजिये। ताम्र तथा कांस्य युग : सभ्भगवतः नव पाषाणकाल के अन्तिम वर्षों में धातुओं का आविष्कार और उनका सीमित उपयोग शुरू हो गया था। भारत में धातुओं में ताँबे (नाम) का प्रयोग सर्वप्रथम हुआ। ताँबा पाषाण की अपेक्षा अधिक सुदृढ़, सुडौल, सुन्दर और चिकन था। इसे साँचे … Read more

नव-पाषाणकालीन संस्कृति की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिये । 

नव-पाषाणकालीन संस्कृति की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिये । 

प्रश्न- नव-पाषाणकालीन संस्कृति की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिये ।  भारत में भी मध्य-पाषाणकालीन संस्कृति के पश्चात् नव-पाषाणकालीन संस्कृति का प्रादुर्भाव हुआ। परन्तु यह कहना कठिन है कि इसका प्रादुर्भाव कब और किस जाति के द्वारा हुआ। फिर भी यह कहा जा सकता है कि नव पाषाणकालीन संस्कृति का प्रसार भारत के विशाल भू-प्रदेश में … Read more

मध्य- पाषाणकालीन संस्कृति की प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिये। 

मध्य- पाषाणकालीन संस्कृति की प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिये। 

प्रश्न- मध्य-पाषाणकालीन संस्कृति की प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिये।  पुरातत्ववेत्ताओं के मतानुसार पूर्व – पाषाणकाल तथा नव पाषाणकाल के बीच एक संक्रमणकाल भी था, जिसे प्राय: ‘मध्य- पाषाणकाल’ कहते हैं। इस काल के औजार बहुत ही छोटे हैं। इसलिए इन्हें प्राय: ‘लघु-पाषाण’, ‘अणु-पाषाण’ (Microliths), ‘लघु औजार’ आदि नामों से पुकारा जाता है।  मध्य पाषाणकालीन संस्कृति … Read more

प्राचीन भारतीय इतिहास को जानने के साहित्यिक स्त्रोतों का वर्णन कीजिए।

प्राचीन भारतीय इतिहास को जानने के साहित्यिक स्त्रोतों का वर्णन कीजिए।

प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास को जानने के साहित्यिक स्त्रोतों का वर्णन कीजिए। साहित्यिक स्त्रोत  प्राचीन भारतीय इतिहास के साहित्यिक स्त्रोतों को दो वर्गों में विभक्त किया जा सकता है – 1. धार्मिक साहित्य तथा 2. ऐतिहासिक एवं समसामयिक साहित्य |  1. धार्मिक साहित्य : प्राचीन भारतीय धार्मिक साहित्य से हमें तत्कालीन सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक, राजनीतिक … Read more

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