B.A में असाइनमेंट कैसे बनाया जाता है ? असाइनमेंट क्या होता है ?

ba me assignment kaise banaye

1. असाइनमेंट क्या होता है? असाइनमेंट कॉलेज/यूनिवर्सिटी द्वारा छात्रों को दिया गया एक शैक्षणिक कार्य है। इसका उद्देश्य है – 2. असाइनमेंट बनाने के लिए तैयारी 3. असाइनमेंट लिखने का प्रारूप (Format) सामान्यतः सभी विश्वविद्यालयों में लगभग यही फॉर्मेट चलता है: (क) आवरण पृष्ठ (Cover Page) (ख) प्रस्तावना (Introduction) (ग) मुख्य भाग (Main Body) (घ) … Read more

कानूनी न्याय को प्राप्त करने के लिए कौन-कौन से साधन होते हैं? स्पष्ट करें।

कानूनी न्याय को प्राप्त करने के लिए कौन-कौन से साधन होते हैं? स्पष्ट करें।

प्रश्न – कानूनी न्याय को प्राप्त करने के लिए कौन-कौन से साधन होते हैं? स्पष्ट करें। यद्यपि राजनीतिक चिन्तन में न्याय की धारणा पर विविध दृष्टि से विचार किया जाता रहा है, लेकिन न्याय का तात्पर्य प्रमुख रूप से कानूनी न्याय से ही लिया जाता है। कानूनी रूप से न्याय की प्राप्ति व्यक्ति के लिए … Read more

न्याय स्वतन्त्रता तथा समानता में पारस्परिक सम्बन्ध स्थापित कीजिए । 

न्याय स्वतन्त्रता तथा समानता में पारस्परिक सम्बन्ध स्थापित कीजिए । 

प्रश्न – न्याय स्वतन्त्रता तथा समानता में पारस्परिक सम्बन्ध स्थापित कीजिए ।  स्वतंत्रता और समानता दोनों का लक्ष्य एक न्यायपूर्ण स्थिति को प्राप्त करना है और इस दृष्टि से स्वतंत्रता और समानता को न्याय का महत्त्वपूर्ण अंग समझा जाता है। वैसे तो, स्वतंत्रता और समानता एक-दूसरे के पूरक हैं, लेकिन किसी विशेष स्थिति में इन … Read more

न्याय के कानूनी, राजनीतिक एवं सामाजिक पहलू का वर्णन करें। 

न्याय के कानूनी, राजनीतिक एवं सामाजिक पहलू का वर्णन करें। 

प्रश्न – न्याय के कानूनी, राजनीतिक एवं सामाजिक पहलू का वर्णन करें।  न्याय एक ऐसी जटिल अवधारणा है जिसके कई पक्ष अथवा क्षेत्र हैं, जो आपस में घनिष्टत: सम्बंधित हैं। न्याय के मुख्य पहलू हैं-कानूनी, राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक पहलू। न्याय के इन पहलुओं में कानूनी पहलू अत्यंत महत्वपूर्ण है।  न्याय का कानूनी क्षेत्र अथवा … Read more

न्याय क्या है ? न्याय की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए। 

न्याय क्या है ? न्याय की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

प्रश्न – न्याय क्या है ? न्याय की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।  ‘‘न्याय सामाजिक जीवन की वह व्यवस्था है, जिसमें व्यक्ति के आचरण का समाज के कल्याण के साथ समन्वय स्थापित किया गया है। ‘  व्यक्ति स्वभाव से स्वार्थी होता है। वह सदैव अपने हित को अग्रसर करना चाहता है। यदि उसका आचरण, समाज … Read more

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