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सेज : विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) अधिनियम, 2005 और विशेष आर्थिक क्षेत्र नियम 10 फरवरी, 2006 से प्रभावी हुए हैं। अधिनियम के तहत विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाइयों को विदेशी निवेश सहित निवेश बढ़ाने के लिए दी गई सुविधाओं में शुल्क मुक्त निर्यात/ विकास के लिए घरेलू बाजार वस्तुओं की खरीद, विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाइयों का संचालन और रख-रखाव, आयकर अधिनियम की धारा 10 एए के तहत विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाइयों को आय पर पहले पाँच वर्षों तक कर में पूरी छूट, उसके बाद पाँच वर्ष तक 50 प्रतिशत छूट और बाद के पाँच वर्षों में लाभ पर 50 प्रतिशत की छूट, केन्द्रीय बिक्री कर से छूट, सेवा कर से छूट और इकाइयों की स्थापना में एकल खिड़की अनुमति की व्यवस्था शामिल है। 

चेन्नई कांडला और सूरत (गुजरात), सांताक्रुज (महाराष्ट्र), कोच्ची (केरल), महिन्द्र सेज, (तमिलनाडु), विशाखापट्टनम (आन्ध्र प्रदेश), फाल्टा (पश्चिम बंगाल) एवं मणिकंचन, साल्टलेक (कोलकाता), जयपुर, जोधपुर (राजस्थान), इंदौर (मध्य प्रदेश) और मोरादाबाद, नोएडा (उत्तर 

प्रदेश) स्थित सभी आठ निर्यात संवर्द्धन क्षेत्रों को विशेष आर्थिक क्षेत्र में बदल दिया गया है। विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम के अन्तर्गत निजी / संयुक्त क्षेत्र में अथवा राज्य सरकारों और उसकी एजेंसियों को अब तक 584 विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने के लिए औपचारिक अनुमति प्रदान कर दी गई हैं। इनमें वे 381 स्वीकृतियाँ भी शामिल हैं जिनके लिए अधिसूचना जारी की जा चुकी है। वर्त्तमान में कुल 133 आर्थिक क्षेत्रों से निर्यात हो रहा है। 


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