सुमेरियन सभ्यता : प्रशासन
1. शासन प्रणाली
- सुमेरियन नगर-राज्य राजतंत्र (Monarchy) के अधीन थे, जहाँ प्रत्येक नगर का एक स्वतंत्र शासक होता था ।
- प्रारंभ में नगरों का शासन पुजारियों (Priests) द्वारा संचालित होता था, जिन्हें “एन्श” (En) कहा जाता था ।
- बाद में शक्तिशाली राजाओं ने शासन करना शुरू किया, जिन्हें लुगल (Lugal) कहा जाता था।
2. प्रशासनिक संरचना
- नगर-राज्य (City-State): प्रत्येक नगर-राज्य का अपना राजा और प्रशासनिक तंत्र था । प्रमुख नगर-राज्यों में उर, उरुक, किश, और लगश शामिल थे ।
- राजा (Lugal): सर्वोच्च शासक जो सैन्य, न्याय और कर-व्यवस्था का प्रमुख होता था ।
- पुजारी वर्ग: धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ प्रशासन और न्यायिक मामलों में भी योगदान देते थे ।
- न्याय व्यवस्था: सुमेरियन समाज में न्याय के लिए लिखित कानून थे, जिनका पालन करना अनिवार्य था।
- कर प्रणाली: कृषि और व्यापार से कर वसूले जाते थे, जिससे मंदिरों और शासकों का खर्च चलता था ।
3. सैन्य एवं सुरक्षा व्यवस्था
- नगर-राज्यों में एक संगठित सेना होती थी, जो बाहरी आक्रमणों से रक्षा करती थी ।
- नगरों को विशाल दीवारों से घेरा जाता था ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके ।
- राजा को सैन्य शक्ति का प्रमुख माना जाता था ।
4. लेखन और प्रशासन
- सुमेरियनों ने कीलाक्षर लिपि (Cuneiform) विकसित की, जिससे प्रशासनिक कार्यों, करों और कानूनों को दर्ज किया जाता था ।
- मिट्टी की तख्तियों (Clay Tablets) पर व्यापार, कर, और न्याय से जुड़े अभिलेख लिखे जाते थे।
सुमेरियन सभ्यता की प्रशासनिक प्रणाली ने आगे चलकर अन्य प्राचीन सभ्यताओं जैसे बेबीलोन, असुर, और अक्काद पर प्रभाव डाला । उनकी संगठित शासन प्रणाली, कर संग्रह, और न्यायिक प्रणाली विश्व की प्रारंभिक शासन व्यवस्थाओं का आधार बनी ।