प्रश्न – व्यापारिक खेती से आप क्या समझते हैं ? विश्व में गेहूँ की फसल के वितरण का वर्णन करें।
प्रस्तावना (Introduction) : व्यापारिक अन्न की खेती में केवल एक फसल का ही विशेषीकरण होता है। इस खेती की प्रधान फसल गेहूँ एवं चावल होती है। खेती का सम्पूर्ण कार्य वैज्ञानिक ढंग (scientific method) से किया जाता है। इसमें रासायनिकीकरण की पूरी सुविधाएँ प्राप्त होती हैं। यह खेती विशाल समतल मैदानी प्रदेशों में होती हैं।
क्षेत्र ( Area) : व्यापारिक अन्न की खेती के निम्नलिखित क्षेत्र हैं-
उत्तरी अमेरिका : संयुक्त राज्य एवं कनाडा
दक्षिणी अमेरिका : कोलम्बिया पठार एवं पम्पास घास क्षेत्र
रूस : स्टेपी प्रदेश, आस्ट्रेलिया आदि ।
गेहूँ (Wheat) : गेहूँ एक प्रमुख खाद्य अन्न है जिसमें प्रोटीन तथा कार्बोहाइड्रेट की उचित मात्रा उपस्थित होती है जिससे यह अधिक संतुलित भोजन का काम करता है।
गेहूँ के प्रकार (Kinds of wheat) : गेहूँ के दो प्रकार होते हैं-
1. शीतकालीन गेहूँ : यह गेहूँ शीत ऋतु (winter season) में बोया जाता है तथा ग्रीष्म ऋतु (summer season) में काट लिया जाता है। यह गेहूँ शरबती रंग का कठोर एवं खाने में अच्छा तथा पौष्टिक होता है।
2. वसन्तकालीन गेहूँ : यह गेहूँ बहुत अधिक शीतल देशों में बोया जाता है तथा ग्रीष्म ऋतु में पक जाने पर काट लिया जाता है। यह कोमल एवं कम पुष्टिकारक होता है।
वितरण (Distribution) : गेहूँ संसार के सभी देशों में होता है लेकिन मुख्य उत्पादक देश निम्नलिखित हैं-
1. उत्तरी अमेरिका : इस महाद्वीप में गेहूँ पैदा करने का विस्तृत क्षेत्र है। संयुक्त राज्य अमेरिका एवं कनाडा इसमें प्रसिद्ध हैं। उत्तरी अमेरिका के प्रेरीज के मैदान गेहूँ पैदा करने में सर्वश्रेष्ठ हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरी डकोटा, मिनिसोटा, ओकलोहामा, मिसौरी, ओहियो, इलिनोय एवं वाशिंगटन राज्यों में गेहूँ का उत्पादन होता है।
उत्तरी डकोटा तथा मिनिसोटा राज्यों के मध्य स्थित रेड रिवर घाटी में गेहूँ की उपज बहुत अधिक होती है, इसलिए यह विश्व की रोटी की डलिया (Bread Basket of the world) कहलाती है। शिकागो तथा मिनीयापोलिस गेहूँ उत्पादन के प्रमुख केन्द्र हैं।
2. दक्षिणी अमेरिका : इस महाद्वीप में गेहूँ के मुख्य उत्पादन देश अर्जेन्टाइना, चिली, यूरुग्वे, ब्राजील आदि हैं। प्लाट नदी के मुहाने के आस-पास का क्षेत्र गेहूँ की उपज के लिए प्रसिद्ध है। अर्जेन्टाइना का गेहूँ निर्यात करने में विश्व में तीसरा स्थान है। यहाँ के कुल उत्पादन का 60 प्रतिशत से भी अधिक न्यून पत्तन द्वारा विदेशों को निर्यात कर दिया जाता है। दक्षिणी ब्राजील एवं मध्य चिली के भूमध्यसागरीय जलवायु क्षेत्र में गेहूँ का उत्पादन कम मात्रा में होता है।
3. यूरोप के देश : इस महाद्वीप में सारे संसार का लगभग आधा गेहूँ पैदा होता है। रूस इस महाद्वीप का सबसे बड़ा गेहूँ उत्पादक देश है। इसके अलावा फ्रांस, इटली, स्पेन, पं० जर्मनी, रूमानिया, यूगोस्लाविया, इंगलैण्ड, चैकोस्लोवाकिया, डेनमार्क, पिनमार्क, फिनलैंड लग्जेम्बर्ग, पुर्तगाल, स्वीडन, स्विट्जरलैंड आदि देशों में गेहूँ उत्पन्न होता है। रूस को छोड़को अन्य यूरोपीय देश गेहूँ का आयात करते हैं।

`4. एशिया के देश : एशिया महाद्वीप में कुल संसार का लगभग 18 प्रतिशत गेहूँ उत्पन्न होता है। इसके मुख्य उत्पादक देश चीन, भारत, टर्की तथा पाकिस्तान हैं। ईरान, अफगानिस्तान, जापान, सीरिया, ईराक में भी गेहूँ पैदा होता है। चीन में अपेक्षाकृत अधिक गेहूँ पैदा होता है लेकिन अधिक जनसंख्या होने के कारण खत्म हो जाता है। साइबेरिया के यूराल पर्वत से बैकाल झील तक काली तथा प्रेपरी मिट्टी पर वैज्ञानिक ढंग से गेहूँ की खेती होती है। मंचूरिया में भी गेहूँ-उत्पादन पर्याप्त होता है। भारत में विश्व के कुल उत्पादन का 30 प्रतिशत गेहूँ उत्पन्न होता है। पंजाब, उत्तरप्रदेश, बिहार एवं मध्यप्रदेश में गेहूँ खूब पैदा होता है। पाकिस्तान के पश्चिमी पंजाब तथा सिन्ध प्रदेशों में गेहूँ का उत्पादन बहुत अधिक होता है।
5. आस्ट्रेलिया के देश : इस महाद्वीप में गेहूँ की खेती उन्नीसवीं शताब्दी से होती है। यहाँ गेहूँ की खेती मशीन द्वारा होती है। गेहूँ की खेती शीतकालीन है यानी बोआई का काम अप्रैल से जून तक तथा कटाई का कार्य अक्टूबर से जनवरी तक किया जाता है। इसमें न्यूसाउथबेल्स, बिक्टोरिया, साउथ आस्ट्रेलिया तथा क्वींसलैंड प्रान्त आते हैं।
6. अफ्रीका के देश : इस महाद्वीप में गेहूँ बहुत कम पैदा होता है लेकिन ट्यूनिसिया, अल्जीरिया, मोरक्को तथा दक्षिणी अफ्रीका में गेहूँ की खेती होती है। मिस्त्र की नील नदी की घाटी में भी गेहूँ पैदा होता है।
निष्कर्ष (Conclusion) : उपर्युक्त अध्ययन से पता चलता हैं कि गेहूँ एक प्रमुख व्यापारिक अन्न है जिसका उत्पादन विश्व के करीब सभी देशों में होता है ।