प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन क्या है ? इसके उद्देश्य एवं कार्यों का वर्णन करें।
प्रशुल्क व व्यापार पर सामान्य समझौता ( General Agreement on Tariff and Trade) एक विधि न होकर, एक संगठन था जिसका सृजन 1947 में हुआ था । गैट (GATT) का आठवाँ अधिवेशन उरुग्वे राउंड के नाम से विख्यात है। यह अधिवेशन सितम्बर, 1986 में हुआ था तथा लगातार 6-7 वर्षों के विचार-विमर्श के फलस्वरूप ही गैट (GATT) के स्थान पर विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation) की स्थापना पर जनवरी, 1995 सहमति हो सकी। उसके बाद 1 जनवरी, 1995 से विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation) ने विधिवत् अपना कार्य आरम्भ कर दिया।
भारत विश्व व्यापार संगठन (WTO) का संस्थापक सदस्य है। वर्त्तमान (19 जनवरी, 2023 तक) में WTO के सदस्यों की संख्या 164 है। उल्लेखनीय है कि दोहा सम्मेलन (9-13 नवम्बर, 2001) में चीन व ताइवान को WTO का सदस्य बना लिया गया है।
विश्व व्यापार संगठन क्या है ?
(What is World Trade Organisation-WTO?)
WTO गैट का ही उत्तराधिकारी है। गैट के सदस्य देश समय-समय पर एकत्रित होकर विश्व व्यापार की समस्याओं पर वार्ता करते थे और उन्हें सुलझाते थे, परन्तु WTO अब एक सुव्यवस्थित और स्थायी विश्व व्यापार संस्था बन गयी है। इसकी एक कानूनी स्थिति है और यह विश्व बैंक (World Bank) तथा अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) के समकक्ष ही स्थान रखता है। यह एक नयी विश्व व्यापार प्रणाली है।
संक्षेप में, WTO सरकार के विभिन्न देशों के बीच अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रोत्साहित करने तथा सीमा शुल्क के बन्धनों को कम करने के लिए किया गया आवश्यक सिद्धान्तों तथा नियमों से सम्बन्धित बहुपक्षीय समझौता और बन्धनमुक्त (Loose) संगठन हैं। यह एक बहुपक्षीय सन्धि है जो अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के नियमों का निर्धारण करती है।
विश्व व्यापार संगठन के कार्य (Functions of WTO) :
1. व्यापार एवं प्रशुल्क से सम्बन्धित मुद्दों के लिए एक उचित मंच सदस्यों के लिए प्रदान करना।
2. विश्व संसाधनों का अनुकूलतम प्रयोग करना ।
3. विश्व स्तर पर आर्थिक नीति निर्माण में अधिक सामंजस्य उत्पन्न करने के लिए IMF एवं IBRD का सहयोग करना ।
4. व्यापार नीति समीक्षा प्रक्रिया से सम्बन्धित नियमों एवं प्रावधानों को लागू करना ।
5. विश्व व्यापार समझौता एवं बहुपक्षीय, यथा – बहुवचनीय समझौते के कार्यान्वयन, प्रशासन एवं परिचालन हेतु सुविधाएँ प्रदान करना।
6. सदस्यों के बीच उत्पन्न विवादों के निपटारे हेतु सम्बन्धित नियमों एवं प्रक्रियाओं को प्रशासित करना।
विश्व व्यापार संगठन के उद्देश्य (Objectives of WTO)
: WTO के महत्त्वपूर्ण उद्देश्य निम्नलिखित हैं—
1. WTO का प्राथमिक उद्देश्य है समझौते में दृष्टिगत नयी विश्व व्यापार प्रणाली को लागू करना।
2. विश्व व्यापार को इस अवधि से बढ़ावा देना कि प्रत्येक देश उससे लाभान्वित हो ।
3. विस्तृत वास्तविक आय और प्रभावी माँग में लगातार वृद्धि द्वारा रहन-सहन के स्तर में सुधार करना ।
4. वस्तुओं, सेवाओं के उत्पादन तथा व्यापार का प्रसार ।
5. प्रशुल्क और व्यापार की रुकावटें तथा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार सम्बन्धों में पक्षपातकारी व्यवहार को हटाना ।
6. विश्व में रोजगार के स्तर को बढ़ाने के विचार से उत्पादन के स्तर तथा उत्पादकता को बढ़ाना।
7. उपभोक्ताओं को लाभान्वित करने तथा विश्व समन्वय की सहायता के लिए सभी व्यापारिक भागीदारों में प्रतियोगिता को बढ़ावा देना ।
8. संसार के संसाधनों का अधिकतम मात्रा में विस्तार तथा उपयोग करना|
9. पर्यावरण रक्षा के साधनों का विस्तार आर्थिक विकास के विभिन्न स्तरों की आवश्यकताओं और समस्याओं के अनुरूप हो इसका ध्यान रखना ।
10. बहुपक्षीय संगठित व्यापार प्रणाली को विकसित करना।
11. व्यापारिक एवं पर्यावरण सम्बन्धी नीतियों तथा सततीय विकास से सम्बन्ध स्थापित करना । WTO के ये उद्देश्य गैट के उद्देश्यों से काफी सीमा तक मिलते-जुलते हैं। WTO के इन उद्देश्यों को निर्यात प्रतिस्पर्द्धा की नीति, बाजार पहुँच (Market Access) और स्वतंत्र व्यापार को अधिक सख्ती से लागू करके, पूरा करने का प्रयास किया जायेगा ।