प्रश्न- पृथ्वी की आतंरिक संरचना का विस्तार में वर्णन करें|
उत्तर- पृथ्वी की आंतरिक संरचना अत्यंत जटिल और बहुस्तरीय है। वैज्ञानिकों ने भूकंपीय तरंगों के अध्ययन के माध्यम से पृथ्वी के भीतरी भागों की जानकारी प्राप्त की है। पृथ्वी को मुख्यतः तीन भागों में विभाजित किया गया है – क्रस्ट (भूपटल), मेंटल, और कोर (केंद्रक)। इन परतों की अलग-अलग रासायनिक और भौतिक विशेषताएं हैं।
- क्रस्ट (Crust / भूपटल): यह पृथ्वी की सबसे बाहरी और सबसे पतली परत है। इसकी मोटाई महाद्वीपीय क्षेत्रों में लगभग 30-70 किलोमीटर और महासागरीय क्षेत्रों में 5-10 किलोमीटर तक होती है। यह परत ठोस चट्टानों की बनी होती है और इसमें विभिन्न खनिज तथा धातुएँ पाई जाती हैं। क्रस्ट में सिलिका और एल्यूमीनियम की प्रचुरता होती है, इसलिए इसे “सियाल” (SiAl) भी कहा जाता है। इसे दो भागों में बाँटा गया है:
- महाद्वीपीय क्रस्ट: यह ग्रेनाइट चट्टानों से बनी होती है और हल्की होती है।
- महासागरीय क्रस्ट: यह बेसाल्टिक चट्टानों से बनी होती है और भारी होती है।
- मेंटल (Mantle / आवरण): यह परत क्रस्ट के नीचे स्थित होती है, जो पृथ्वी के आयतन का लगभग 84% हिस्सा है और लगभग 2900 किलोमीटर गहरी होती है। मेंटल को आगे ऊपरी मेंटल और निचले मेंटल में विभाजित किया गया है। मेंटल में सिलिका और मैग्नीशियम की प्रचुरता होती है, इसलिए इसे “सीमा” (SiMa) भी कहा जाता है। इस परत में चट्टानें इतनी गर्म होती हैं कि वे धीरे-धीरे बह सकती हैं, इसे भी दो भागों में बाँटा गया है:
- ऊपरी मेंटल (Upper Mantle): इसपे एस्थेनोस्फीयर नामक एक क्षेत्र होता है|यह आंशिक रूप से पिघला हुआ होता है, और इसमें प्लेट विवर्तनिकी (Plate Tectonics) की क्रियाएँ होती हैं।
- निचला मेंटल (Lower Mantle): यह अर्ध-द्रव रूप में होता है| मेंटल में होने वाली संवहन (Convection) की प्रक्रिया ही भूकंप, ज्वालामुखी और महाद्वीपीय विचलन का कारण बनती है।
- कोर (Core / केंद्रक): यह पृथ्वी का सबसे भीतरी भाग है और इसे दो भागों में बाँटा गया है:
- बाहरी कोर (Outer Core): यह द्रव रूप में होता है और मुख्यतः लोहा (Iron) और निकेल (Nickel) से बना होता है। इसकी मोटाई लगभग 2200 किलोमीटर है। बाहरी कोर की गति से पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है।
- आंतरिक कोर (Inner Core): यह ठोस रूप में होता है और लगभग 1270 किलोमीटर मोटा होता है। इसका तापमान सूर्य की सतह के समान होता है, लेकिन अत्यधिक दाब के कारण यह ठोस बना रहता है।

निष्कर्षत:- पृथ्वी की आंतरिक संरचना अनेक स्तरों में विभाजित है, जो एक-दूसरे से रासायनिक एवं भौतिक गुणों में भिन्न हैं। यह संरचना न केवल पृथ्वी की उत्पत्ति और विकास को समझने में सहायक है, बल्कि भूकंप, ज्वालामुखी और अन्य भूगर्भीय घटनाओं को भी स्पष्ट करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
प्रश्न उत्तर समाप्त