ताल पर निबंध लिखें ? BA Notes Pdf

उत्तर- संगीत के तीन मुख्य अंग होते हैं—स्वर, लय और ताल। इन तीनों में ताल का महत्व अत्यधिक है, क्योंकि ताल संगीत की संरचना को संतुलित और व्यवस्थित रखती है। सरल शब्दों में, ताल वह नियमित योजना है जिसमें निश्चित मात्राएँ (बीट्स) एक विशेष क्रम में बँधी होती हैं। यह क्रम बार-बार दोहराया जाता है और संगीत की गति को स्थिर रखता है। ताल के बिना संगीत को नाप-तौलना तथा उसके स्वरूप को समझना कठिन हो जाता है।

ताल को समझने का सबसे आसान उदाहरण है—ताली और खाली। जब हम ताली बजाते हैं या हाथ हिलाकर संकेत देते हैं, तो हम ताल की मात्राओं को चिन्हित करते हैं। हर ताल में कुछ मात्राएँ ’सम’ से शुरू होती हैं, कुछ पर ताली दी जाती है और कुछ पर खाली (हाथ का इशारा बिना आवाज)। यही व्यवस्था ताल की पहचान बनाती है।

भारतीय शास्त्रीय संगीत में अनेक तालें प्रचलित हैं, जैसे—तीनताल (16 मात्राएँ), दादरा (6 मात्राएँ), कहरवा (8 मात्राएँ), रुपक (7 मात्राएँ), झपताल (10 मात्राएँ) आदि। हर ताल की अपनी संरचना, वादन शैली और उपयोग का क्षेत्र होता है। तीनताल सबसे अधिक लोकप्रिय और बहुउपयोगी ताल मानी जाती है। यह सभी प्रकार के गायन—ध्रुपद, खयाल, ठुमरी, भजन, वादन और नृत्य—में प्रयुक्त होती है।

ताल की संरचना तीन तत्वों पर आधारित होती है—

  1.  मात्रा: ताल की सबसे छोटी इकाई, जैसे दिल की धड़कन की तरह।
  2.  विभाग: ताल को विभिन्न हिस्सों में बाँटना, जैसे तीनताल में चार विभाग।
  3.  सम, ताली और खाली: सम ताल का प्रथम और सबसे प्रमुख स्थान है। ताली उत्साही स्थान को दर्शाती है, जबकि खाली नरम या हल्के भाव को प्रकट करती है।

ताल संगीत में अनुशासन लाती है। जब गायक या वादक स्वर या बोल को ताल में बाँधकर प्रस्तुत करता है, तो संगीत में एक तरह की लयात्मकता पैदा होती है। नृत्य में तो ताल का महत्व और भी अधिक है, क्योंकि हर पद-चालन, हाथ-पैर की गति तथा अभिव्यक्ति ताल पर ही आधारित रहती है।

ताल का उद्देश्य केवल गति को नियंत्रित करना ही नहीं है, बल्कि संगीत को एक पहचान देना भी है। एक ही राग अलग-अलग तालों में गाने पर उसका रूप और भाव बदल जाता है। इसी कारण ताल को संगीत का आधारस्तंभ कहा जाता है।

अंत में कहा जा सकता है कि ताल संगीत की धड़कन है। यह संगीत को अनुशासन, गति, सौंदर्य और पूर्णता प्रदान करती है। ताल के बिना गायन, वादन या नृत्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती। ताल ही संगीत को व्यवस्थित रूप देती है और इसे समझने योग्य तथा आनंददायक बनाती है।


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