कक्षा 12 इतिहास अध्याय 1 प्रश्न उत्तर | ईटें , मनके तथा अस्थियाँ | इतिहास कक्षा 12 वीं अध्याय 1 Notes

Table of Contents

लघु & दीर्घ प्रश्न उत्तर    

प्रश्न 1 : सिंघु घाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता क्यों कहा जाता है ?

उत्तर : सिंघु घाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता इसलिए कहा जाता है क्योकि हड़प्पा नामक स्थल पर ही सर्वप्रथम 1921 ई० में रायबहादुर दयाराम साहनी ने उत्खनन करवाया और नगरीय सभ्यता को प्रकाश में लाया | अतः सिन्धु घाटी सभ्यता की खोज सर्वप्रथम हड़प्पा नामक स्थल पर हुआ इसलिए सिन्धु घाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता कहा जाता है |

प्रश्न 2 : सिन्धु घाटी सभ्यता की जल निकास प्रणाली का वर्णन करे |

उत्तर : सिन्धु सभ्यता के नगर की एक महत्वपूर्ण विशेषता यहाँ की प्रभावशाली जल निकास प्रणाली थी | गंदे जल की निकासी के लिए सारे नगरों में नालियों का जाल बिछा हुआ था | लगभग सभी नगरों के छोटे बड़े सभी घरों में आँगन तथा स्नानागार था | घरो का गन्दा पानी बहकर गली की नालियों में चला जाता था फिर छोटी नालियां बड़ी नालियों में मिलती थी जो अंत में विशाल नालो से जुड़ी हुई थी | सारे नगर का गंदा पानी इन नालो द्वारा नगर के बाहर ले जाया जाता था | नालियों को बड़ी-बड़ी ईंटो और पत्थरों की शिलाओं से ढक दिया जाता था और समय-समय पर इसकी सफाई पर भी ध्यान दिया जाता था |

प्रश्न 3 : हड़प्पा सभ्यता की सड़क व्यवस्था पर प्रकाश डाले |

उत्तर : हड़प्पा सभ्यता की सड़क व्यवस्था बहुत ही उन्नत और योजनाबद्ध थी । यहाँ की सड़कें एक-दूसरे को समकोण (90 डिग्री) पर काटती थीं, जिससे पूरा शहर ग्रिड प्रणाली में बसा था । मुख्य सड़कें लगभग 9 से 10 मीटर चौड़ी होती थीं, जबकि गलियाँ संकरी लेकिन साफ-सुथरी थीं । हर सड़क के किनारे पक्की नालियाँ बनी थीं, जिनसे गंदा पानी अलग बह जाता था । यह प्रणाली इस बात का प्रमाण है कि हड़प्पावासी स्वच्छता और नगर नियोजन के प्रति जागरूक थे ।

प्रश्न 4 : मोहनजोदड़ो का सार्वजनिक स्नानागार के विषय में लिखिए ?

उत्तर : मोहनजोदड़ो का सार्वजनिक स्नानागार सिन्धु घाटी सभ्यता का एक अद्वितीय नमूना है | यह स्नानागार एक चबूतरा पर बना है इसमें नीचे उतरने के लिए सीढियाँ है, बगल में एक कुआँ है ताकि स्नानागार में निरंतर पानी उपलब्ध रहे | स्नानागार के उपर एक कमरा बना है जो संभवतः कपड़ा बदलने के लिए प्रयोग किया जाता था | इस स्नानागार का प्रयोग विशेष अवसरों पर सार्वजनिक स्नानागार के लिए किया जाता था | इतिहासकार मार्शल ने तत्कालीन विश्व का सबसे आश्चर्यजनक निर्माण बताया है |

प्रश्न 5 : हड़प्पा संस्कृति को कांस्य युग क्यों कहते है ?

उत्तर : हड़प्पा संस्कृति को कांस्य युग कहा जाता है क्योंकि उस समय के लोग कांस्य धातु का सबसे ज़्यादा उपयोग करते थे । कांस्य तांबा और टिन को मिलाकर बनाया जाता है । उस समय लोहा लोगों को नहीं पता था, इसलिए वे अपने औजार, बर्तन, हथियार और मूर्तियाँ कांसे से ही बनाते थे । मोहनजोदड़ो से मिली एक सुंदर नर्तकी की मूर्ति भी कांसे से बनी है, जो उस समय की कला और तकनीक को दिखाती है । कांस्य का इतना ज़्यादा उपयोग होने की वजह से ही हड़प्पा संस्कृति को इतिहास में कांस्य युग की सभ्यता कहा जाता है ।

प्रश्न 6 : सिंधु घाटी सभ्यता की नगर योजना का वर्णन करें ?

उत्तर : सिंधु घाटी की सभ्यता अपनी नगर योजना तथा भवन निर्माण कला के लिए प्रसिद्ध  थी |  सभी बड़े नगर एक सुनिश्चित योजना के आधार पर बने थे |  नगरों का अपना-अपना दुर्ग था  जिसमें शासक वर्ग के लोग रहते थे |  प्रत्येक नगर नदी के किनारे बसा  हुआ था  तथा इसमें बड़े पैमाने पर पकाई गई ईटों का प्रयोग किया जाता था | खुदाई में प्राप्त नगर निर्माण योजना की विशेषता किस प्रकार थी : –  सड़कों का प्रबंध ,  नालियों का प्रबंध ,  दो स्तरीय नगर ,  सार्वजनिक स्नानागार ,  अन्नागार  इत्यादि |

प्रश्न 7 : हड़प्पा सभ्यता के पतन के कारणों का वर्णन करे | / सिंघु घाटी सभ्यता के पतन के कारणों का वर्णन करे |/ हड़प्पा सभ्यता का पतन कैसे हुआ |

उत्तर – हड़प्पा सभ्यता के पतन के संदर्भ में कोई संतोषजनक प्रमाण नही मिला है | पतन के संदर्भ में अनेक इतिहासकारों का एक मत नही है बल्कि अलग अलग है फिर भी कुछ ऐसे प्रमाण मिले है जिसके द्वारा अनुमान लगाया जाता है की हड़प्पा सभ्यता का पतन निम्न कारणों से हुआ होगा जो इस प्रकार है-

1.   बाढ़

2.   जलवायु परिवर्तन

3.   महामारी

4.   वाह्य आक्रमण

प्रश्न 8 : हड़प्पावासियों द्वारा व्यवस्थित सिंचाई साधनों का वर्णन करे |

उत्तर : हड़प्पावासियों द्वारा व्यवस्थित सिंचाई के साधन में नहरे , कुँए और जल संग्रह का उपयोग किया जाता था हड़प्पा में सिंचाई के लिए कुँए का ही मुख्य रूप से उपयोग किया जाता था जिससे फसलो का समुचित विकास होता था |

प्रश्न 9 : हड़प्पा लिपि / सिंधु लिपि से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर : जैसा कि हम जानते हैं हड़प्पा की लिपि अभी तक पढ़ी नहीं जा सकी है | अक्षरों को चित्र अथवा चिन्ह के माध्यम से दर्शाया गया है | विद्वान इसे भावचित्रात्मक लिपि कहते हैं | हड़प्पा  लिपि दाएं से बाएं लिखा जाता था  |हड़प्पा सभ्यता की सबसे बड़ी लिपि धोलावीरा की है | सभ्यता में लिखावट के साक्ष्य काफी अधिक हैं अतः  ऐसा लगता है कि हड़प्पा सभ्यता में व्यापक साक्षरता विद्यमान थी |

प्रश्न 10 : हड़प्पा सभ्यता के अन्नागार के विषय में लिखे |

उत्तर : हड़प्पा सभ्यता में अन्नागार वे बड़े भवन थे, जहाँ अनाज को सुरक्षित रखा जाता था । सबसे बड़ा अन्नागार हड़प्पा नगर में मिला है । यह अन्नागार ईंटों से बना, मजबूत और ऊँचा था । इसमें कई कमरे थे, जहाँ गेहूं, जौ जैसे अनाज रखे जाते थे । अन्नागार में हवा जाने की व्यवस्था थी  तथा इसमें अन्न  भरने की व्यवस्था निसंदेह उच्च कोटि की थी |

प्रश्न 11 : हड़प्पा सभ्यता के चार प्रमुख नगरों के नाम लिखे |

उत्तर : हड़प्पा सभ्यता के चार प्रमुख नगर निम्नलिखित है –

1)  हड़प्पा

2)  मोहनजोदड़ो

3)  लोथल

4)  कालीबंगा

प्रश्न 12 : कार्बन – 14 विधि से आप क्या समझते हैं ?  

उत्तर : तिथि निर्धारण की वैज्ञानिक विधि को कार्बन – 14 विधि कहा जाता है | इस विधि की खोज अमेरिका के प्रख्यात रसायनशास्त्री लिवी द्वारा 1946 ई. में की गयी थी | इस विधि के अनुसार किसी भी जीवित वस्तु में कार्बन -12 एवं कार्बन – 14 समान मात्रा में पाया जाता है | मृत्यु अथवा विनाश की अवस्था में कार्बन -12 तो स्थिर रहता है , मगर कार्बन -14 का निरंतर क्षय होने लगता है , अर्थात जिस प्रदार्थ में कार्बन -14 की मात्रा जितनी कम होती है , वह उतना ही प्राचीनतम माना जाता है |

प्रश्न 14 : पुरातत्व से आप क्या समझते है ?

उत्तर : प्राचीन काल में मानव द्वारा प्रयोग में लाई वस्तुओ , निर्मित इमारतों आदि के अवशेषों का अध्ययन पुरातत्व कहलाता हैं | इनका अध्ययन करने वाले पुरातत्ववेत्ता कहलाता हैं |

प्रश्न 14 : हड़प्पा सभ्यता एक शहरी सभ्यता थी, कैसे ?

उत्तर : हड़प्पा सभ्यता एक शहरी या नगरीय सभ्यता थी क्योंकि यहाँ से एक सुनिश्चित नगर के अवशेष प्राप्त हुए है | जो तात्कालीन प्राचीन विश्व में कहीं नही था | हड़प्पा स्थल पर मिले सड़को, गलियों, आवाशीय भवन, स्नानागर, अन्नागर इत्यादि के अवशेष में एक आधुनिक नगर की ओर इशारा करती है | हड़प्पा स्थल का पूरा नगर एक चार दीवारों से घिरे हुए है और पूरा शहर एक सुनिश्चित योजना के आधार पर किया गया था |

प्रश्न 15 : हड़प्पा सभ्यता के आवासीय भवन के विषय में लिखे |

उत्तर : हड़प्पावासियों ने सुख सुविधाओं का ध्यान रखते हुए अपने घरों का निर्माण किया था | उनके घर 1 मंजिला , द्विमंजिला तथा कहीं-कहीं बहुमंजिला बने थे |  घरों के निर्माण में पक्की ईंटों का व्यापक प्रयोग किया गया लेकिन कहीं भी पत्थर का प्रयोग नहीं था | प्रत्येक घर में रसोई ,आंगन स्नानागार, शौचालय आदि  बने थे |

प्रश्न 16 : सिंधु घाटी सभ्यता के समकालीन दो सभ्यताओं के नाम बताएं |

उत्तर : सिंधु घाटी सभ्यता के समकालीन दो सभ्यताएं निम्नलिखित है –

  1. मेसोपोटामिया की सभ्यता
  2. मिस्र की सभ्यता
  3. चीन की सभ्यता

प्रश्न 17 :  सिंधु घाटी सभ्यता में शवो के दाह संस्कार के कितने प्रकार थे ? ( मृतक संस्कार प्रणालियां )

सिंधु घाटी सभ्यता में शवो के दाह संस्कार के तीन प्रकार थे जो की निम्नलिखित है –

  1. पूर्ण शवाधान (अधिकांश प्रयोग इसी का था )
  2. आंशिक  शवाधान
  3. दाह संस्कार |

प्रश्न 18 : उत्खनन से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर : पृथ्वी के गर्भ में छुपी हुई प्राचीन मूल्यवान पुरातात्विक वस्तु को निकालने की प्रक्रिया ही विशेष रूप से उत्खनन कहलाती है | उत्खनन  पुरातत्वविदो के निर्देशन और संरक्षण में किया जाता है |

प्रश्न 19 : हड़प्पा सभ्यता की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख करें |

उत्तर : हड़प्पा सभ्यता की  दो विशेषता निम्नलिखित है –

1. नगर योजना की विशेषता:
हड़प्पा सभ्यता के नगर बहुत ही योजनाबद्ध ढंग से बनाए गए थे । सड़कें एक-दूसरे को समकोण पर काटती थीं । घरों में स्नानघर, कुएँ और पक्की जल निकासी प्रणाली होती थी, जिससे साफ-सफाई का ध्यान रखा जाता था ।

2. कला और शिल्पकला:
हड़प्पा के लोग कांस्य, पत्थर और मिट्टी से सुंदर मूर्तियाँ बनाते थे। मोहनजोदड़ो की कांस्य नर्तकी उनकी उच्च कोटि की कला का उदाहरण है। मिट्टी की मुहरें, खिलौने और बर्तन भी उनकी कारीगरी को दर्शाते हैं।

प्रश्न 20 : c-37 (cemetry-37) , समाधि आर-37 से आप क्या समझते है ?

उत्तर : समाधि R-37 हड़प्पा सभ्यता में पाए गए एक कब्रिस्तान का नाम है, जो हड़प्पा नगर में स्थित है । यह समाधि स्थल “R-37” नाम से इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि पुरातत्वविदों ने खुदाई के दौरान इसे यही नंबर दिया था ।

यहाँ पर लोगों को सम्पूर्ण शव या अस्थियों के साथ दफनाया गया था । कब्रों से मिट्टी के बर्तन, आभूषण, औजार और मूर्तियाँ भी मिली हैं, जो यह बताते हैं कि हड़प्पा के लोग मरने के बाद के जीवन में विश्वास रखते थे । समाधि R-37 से हड़प्पा की समाधि परंपरा और धार्मिक सोच का पता चलता है ।

लघु प्रश्न उत्तर समाप्त

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