प्रश्न- आधुनिक काल में संगीत के विकास का संक्षिप्त परिचय दें ?
उत्तर- आधुनिक काल में संगीत का विकास एक सतत परिवर्तनशील प्रक्रिया है, जिसमें परंपरा और नवीनता का सुंदर समन्वय दिखाई देता है। आधुनिक संगीत की विशेषता यह है कि इसमें तकनीकी साधनों, नए वाद्यों, रिकॉर्डिंग तकनीकों और वैश्विक सांस्कृतिक आदान–प्रदान का प्रभाव स्पष्ट दिखता है। इस काल में संगीत केवल कला का रूप नहीं रहा, बल्कि मनोरंजन, अभिव्यक्ति, शिक्षा और सांस्कृतिक पहचान का महत्वपूर्ण साधन बन गया है।
भारत में आधुनिक संगीत का विकास उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम दौर से तेज़ हुआ, जब अंग्रेज़ी शासन के समय पश्चिमी वाद्ययंत्र जैसे हारमोनियम, पियानो, वायलिन आदि भारतीय धुनों के साथ प्रयोग में आने लगे। इससे भारतीय शास्त्रीय संगीत में नई ध्वनियों और नए रूपों का समावेश होने लगा। इसके साथ ही संगीत की शिक्षा के लिए विद्यालयों, विश्वविद्यालयों और संगीत संस्थानों की स्थापना होने लगी, जिससे संगीत एक संगठित और व्यवस्थित अध्ययन का विषय बन गया।
बीसवीं शताब्दी में रेडियो, ग्रामोफोन और रिकॉर्डिंग तकनीक के आविष्कार ने आधुनिक संगीत को नई पहचान दी। पहले जहाँ संगीत केवल दरबारों, मंदिरों या विशेष आयोजनों में प्रस्तुत होता था, वहीं अब यह जन–जन तक पहुँचने लगा। अखिल भारतीय रेडियो ने अनेक कलाकारों को मंच दिया और संगीत को घर–घर पहुँचाया। फिल्मों के आगमन ने भी संगीत की लोकप्रियता को अत्यधिक बढ़ाया। फिल्म संगीत में रागों पर आधारित धुनें, लोकसंगीत, शास्त्रीय तत्त्व और आधुनिक तालों का सुंदर मिश्रण देखने को मिला। इससे संगीत अधिक आकर्षक, समझने योग्य और जनसुलभ हो गया।
आधुनिक काल में विभिन्न संगीत परंपराओं का आपसी आदान–प्रदान तेजी से बढ़ा। भारतीय संगीत ने विश्व पटल पर अपनी अनूठी पहचान बनाई। पंडित रविशंकर, उस्ताद ज़ाकिर हुसैन, पंडित भीमसेन जोशी आदि जैसे महान कलाकारों ने भारतीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुँचाया। साथ ही, पॉप, रॉक, जैज़, फ्यूजन और इलेक्ट्रॉनिक संगीत जैसे नए रूपों ने भी भारतीय संगीत को प्रभावित किया। आज फ्यूजन संगीत एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ शास्त्रीय, लोक और पश्चिमी संगीत का सुन्दर मेल देखने को मिलता है।
डिजिटल युग में संगीत का रूप और भी विकसित हो गया है। मोबाइल एप्स, यूट्यूब, सोशल मीडिया, ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ने संगीत को वैश्विक स्तर पर उपलब्ध कराया। अब कोई भी अपनी कला को दुनिया के सामने आसानी से प्रस्तुत कर सकता है। संगीत उत्पादन में डिजिटल वाद्यों, सॉफ्टवेयर और ऑडियो–मिक्सिंग तकनीकों का प्रयोग बढ़ गया है, जिससे नए–नए प्रयोग संभव हुए हैं।
इस प्रकार, आधुनिक काल में संगीत का विकास परंपरा और आधुनिकता के समन्वय का परिणाम है। यह न केवल सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखता है, बल्कि नए–नए रूपों में उसे विस्तार भी देता है। संगीत आज मानव जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है और अपनी विविधता, रचनात्मकता तथा तकनीकी उन्नति के कारण निरंतर विकसित हो रहा है।
प्रश्न उत्तर समाप्त
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