लोक संगीत पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें ? PDF Notes Download

उत्तर- लोक संगीत भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण और जीवंत अंग है। यह संगीत सीधे जनता के जीवन, भावनाओं, परंपराओं और सामाजिक अनुभवों से जुड़ा होता है। लोक संगीत न तो शिक्षित संगीतज्ञों की देन है, न ही किसी जटिल नियम–कायदे से बंधा होता है। यह स्वाभाविक रूप से लोगों के हृदय से उत्पन्न होता है और उनके दैनिक जीवन, पर्व–त्योहार, विवाह, खेती–किसानी और धार्मिक आस्थाओं को अभिव्यक्त करता है।

लोक संगीत की सबसे बड़ी विशेषता इसकी सरलता और स्वाभाविकता है। इसके गीत सहज भाषा में लिखे जाते हैं, जिन्हें हर व्यक्ति आसानी से समझ और गा सकता है। लोक संगीत किसी राग–रागिनी के कठोर नियमों का पालन नहीं करता। इसमें भावनाओं की सच्चाई और जीवन का वास्तविक रूप मिलता है। इसलिए यह सीधे दिल को छूता है।




भारतीय लोक संगीत अत्यंत विविधता से भरा हुआ है। भारत के प्रत्येक प्रदेश का अपना विशिष्ट लोक संगीत है—जैसे उत्तर प्रदेश का बिरहा, कजरी, होरी, बिहार का भोजपुरी लोकगीत, सोहर, बिरहा, राजस्थान का मांगणियार और लंगा संगीत, पंजाब का गिद्धा और भांगड़ा, बंगाल का बाउल गीत, और महाराष्ट्र का लावणी। ये सभी गीत अपनी–अपनी सांस्कृतिक पहचान, बोली और परंपरा को दर्शाते हैं।

लोक संगीत में उपयोग किए जाने वाले वाद्य भी स्थानीय जीवन से जुड़े होते हैं। जैसे—ढोलक, मंजीरा, बांसुरी, घड़व, सारंगी, खंजरी, एकतारा, डफली आदि। इन वाद्यों को अक्सर स्थानीय कारीगर स्वयं बनाते हैं, इसलिए इनमें क्षेत्रीय संस्कृति की झलक साफ दिखाई देती है।

लोक संगीत का सामाजिक महत्व भी अत्यंत बड़ा है। यह लोगों को एकजुट करता है, सामाजिक समरसता बढ़ाता है और समुदाय में आनंद व उत्साह पैदा करता है। विवाह, जन्‍म, फसल कटाई, वर्षा आगमन, त्योहारों और धार्मिक अनुष्ठानों में लोक संगीत विशेष रूप से गाया जाता है। यह लोगों की भावनाएँ—प्रेम, दुख, खुशी, विरह, उत्सव—सभी को सहज रूप में व्यक्त करता है।

लोक संगीत समय के साथ बदलता भी रहता है। नई परिस्थितियाँ, नए अनुभव और नए वाद्य इसमें शामिल होते जाते हैं। फिर भी इसमें पारंपरिक मूल्यों और सांस्कृतिक पहचान की गहरी छाप हमेशा बनी रहती है। आधुनिक युग में भी लोक संगीत की लोकप्रियता कम नहीं हुई है। आज के फिल्म संगीत, पॉप संगीत और मंचीय प्रस्तुतियों में भी लोक धुनों का व्यापक प्रभाव देखा जा सकता है।

निष्कर्षतः- लोक संगीत जनता के जीवन की आत्मा है। यह सरल, स्वाभाविक और भावनात्मक अभिव्यक्ति का माध्यम है, जो पीढ़ी–दर–पीढ़ी संस्कृति, परंपरा और अनुभवों को जीवंत बनाए रखने का कार्य करता है। भारतीय लोक संगीत हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अमूल्य हिस्सा है।





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