बेबीलोनिया सभ्यता : सामाजिक जीवन

बेबीलोनिया सभ्यता : सामाजिक जीवन

  • सुमेरियन समाज की भांति बेबीलोनिया का समाज तीन वर्गों में विभाजित था — उच्च वर्ग, मध्यम वर्ग तथा दास वर्ग ।
  • उच्च वर्ग के अन्तर्गत पुरोहित तथा अन्य सम्पन्न व्यक्ति आते थे । मध्य वर्ग के अन्तर्गत कृषकों एवं व्यापारियों को सम्मिलित किया जाता था, और निम्न वर्ग दासों एवं युद्धबन्दियों का था । इनकी दशा अत्यन्त दयनीय थी ।
  • समाज में स्त्रियों को काम करने का अधिकार प्राप्त था । इस सभ्यता में एक पत्नी प्रथा का प्रचलन था । बेबीलोनियन समाज में संयुक्त परिवार – प्रथा के कारण बड़े-बड़े परिवारों का प्रचलन था ।

i) स्त्रियों की स्थिति (Position of Women ) – प्रसिद्ध इतिहासकार हेरोडोटस के अनुसार, “यहाँ के समाज में स्त्रियों की दशा शोचनीय थी और देह व्यापार का व्यापक प्रचार था ।” किन्तु एच. जी. वेल्स का मत है कि, “बेबीलोन के समाज में स्त्रियों की दशा अच्छी थी । उन्हें पर्याप्त सम्मान प्राप्त था । राज्य की ओर से भी स्त्रियों को विशेष अधिकार दिए गए थे । उन्हें निजी सम्पत्ति रखने व्यवसाय करने, राजकीय सेवाएँ प्राप्त करने, जीवन साथी चुनने, शिक्षा प्राप्त करने की पूर्ण स्वतन्त्रता थी ।’ 

                          हम्मूराबी की विधि संहिता एवं अन्य लेखों से बेबिलोनियन समाज में स्त्रियों की स्थिति का पता चलता है । इस समाज में विवाह, तलाक, उत्तराधिकार इत्यादि के लिए निश्चित नियम बनाए गए थे । माता-पिता के सहयोग से विवाह को सम्पन्न किया जाता था । विवाह को वैधानिक रूप देने के लिए साक्षियों की उपस्थिति एवं हस्ताक्षर (सील) सहित लिखित अनुबन्ध करना आवश्यक था जिसमें उल्लिखित नियम एवं शर्तों के दोनों पक्षों को मानना आवश्यक था । वर का पिता वधू के पिता को उपहार देता था तथा वधू का पिता, वधू अर्थात् अपनी पुत्री को प्रचुर दहेज देता था । समाज में एक पत्नी की प्रथा थी । विवाहित स्त्रियों को नैतिकता का पालन करना पड़ता था । 

                             समाज देवदासियों को प्रतिष्ठा प्राप्त होती थी । यदि कोई स्त्री देवदासी बनती थी तो उसे भी दहेज की ही भाँति पिता से धन मिलता था । देवदासियाँ मन्दिरों में रहती में थीं । कुछ समय तक देवदासी के रूप में रहने के पश्चात् वह विवाह कर सकती थीं । यदि कोई स्त्री विवाह के पश्चात् देवदासी बनती थी तो उसे अपने पति से अलग होना पड़ता था ।

ii) खान-पान, संगीत एवं नृत्यकला (Food, Music and Dance ) – बेबीलोनिया सभ्यता के लोग सर्वाहारी थे अर्थात् वह रोटी, चावल, शहद, दूध, सब्जियों के अतिरिक्त मांस, मदिरा का भी सेवन करते थे । नृत्य एवं संगीत उनके मनोरंजन के साधन थे । धार्मिक उत्सवों एवं समारोहों में वेश्याओं के नृत्य को आयोजित किया जाता था । बाँसुरी एवं ढोल प्रमुख वाद्य उपकरण होते थे । 

iii) वस्त्र – आभूषण (Clothing and Jewelery ) – बेबीलोनिया समाज के व्यक्ति आभूषण के शौकीन थे । स्त्रियाँ विभिन्न प्रकार के आभूषण पहनती थी । पुरुष जूते नहीं पहनते थे किन्तु स्त्रियाँ चमड़े की जूतियाँ पहनती थीं । हम्मूराबी के पूर्व समाज में लोग सेमिटिक वस्त्र ( मंहगे वस्त्र ) धारण करते थे किन्तु हम्मूराबी के पश्चात् सस्ते व सादे वस्त्रों का प्रचलन बढ़ गया । समाज में ऊनी वस्त्रों की प्रचुरता थी । उच्च वर्ग के व्यक्ति अलंकृत वस्त्र धारण करते थे । 

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